अमजद खान अगर आज जिंदा होते तो 82 वर्ष के होते । उनका जन्म 12 नवंबर 1940 को हुआ था उन्होंने पूरे जीवन में काफी किरदार निभाए लेकिन सबसे ज्यादा पहचान उन्हें शोले फिल्म में निभाए गए किरदार गब्बर सिंह से से मिली । एक फिल्म ‘द ग्रेट गैं*बलर’ की शूटिंग से लौटते समय वह कार दुर्घटना का शिकार हो गए जिसमें उनकी हड्डियों को काफी चोट आई । वे बच तो गए लेकिन ज्यादा दवाई खाने से उनका वजन काफी बढ़ गया ।
इसके बाद लगातार उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानी रहने लगी । 27 जुलाई 1992 को दिल का दौरा पड़ने से अमजद खान की मौत हो गई
अमजद रील लाइफ में बहुत बड़े विलेन साबित हुए लेकिन असल जीवन में वे बहुत ही अच्छे पति और पिता थे । आज हम आपको उनकी प्रेम कहानी के बारे में बताएंगे कि किस तरह उन्हें प्यार हुआ और उनकी शादी हुई।
ऐसे हुई अमजद खान की शेहला से मुलाकात
अमजद खान के पिता और शहला के पिता पड़ोसी थे। शहला के पिता मशहूर शायर थे और कई बड़ी फिल्मों की कहानी लिख चुके थे ।
अमजद उस वक्त ग्रेजुएशन कर रहे थे जबकि शहला की उम्र सिर्फ 14 साल थी । पड़ोसी होने के कारण कई बार दोनों सोसाइटी में बैडमिंटन खेल लिया करते थे । 1 दिन खेल-खेल में से शेहला ने अमजद को भाई बोल दिया । अमजद ने उसे हिदायत दी कि आइंदा मुझे भाई कहकर ना बुलाएं मुझे तुमसे शादी करनी है ।
1 दिन अमजद खान ने शहला से उनके नाम का मतलब पूछा । शहला ने बताया कि उनके नाम का मतलब गहरी आंखों वाली है इस पर अमजद खान का जवाब था कि तुम जल्दी बड़ी हो जाओ क्योंकि मुझे तुमसे शादी करनी है ।
परिवार ने पढ़ाई के लिए भेजा अलीगढ़
फिर एक दिन अमजद शहला के पिता के पास शादी का प्रस्ताव लेकर पहुंचे जिस पर शहला खान के पिता अख्तरुल इमान ने मना कर दिया क्योंकि वह चाहते थे कि शहला पहले अपनी पढ़ाई पूरी करें
शहला खान के पिता ने बेटी को अमजद से दूर करने के लिए पढ़ाई करने अलीगढ़ भेज दिया जिस दौरान शहला खान अलीगढ़ में रही अमजद खान उन्हें रोजाना पत्र लिखा करते थे। जवाब में शहला खान भी पत्र लिखा करती ।
इस बीच शहला की तबीयत खराब हो गई और उन्हें वापस मुंबई आना पड़ा
फिर से मुंबई लौट आने से दोनों की मुलाकात शुरू हो गई। वे उनकी छोटी-छोटी पसंद का ख्याल रखा करते। शहला को चिप्स बहुत पसंद थे। अमजद खान उन्हें फिल्म दिखाने ले जाते और चिप्स भेजा करते।
शहला को फ़ारसी सीखने में मदद की
बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि अमजद खान पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छे थे और उन्होंने मास्टर्स की हुई थी। अमजद खान ने फारसी में मास्टर्स किया था । शहला को फारसी सीखने में दिक्कत आई तो उन्होंने अमजद खान से मदद मांगी वे उन्हें ट्यूशन पढ़ाने लगे । इस दौरान उनके बीच बॉन्डिंग और बढ़ गई। दोनों साथ साथ फिल्म देखने भी जाने लगे
फिर माता पिता से भिजवाया प्रस्ताव
पहली बार प्रस्ताव पूरा दिए जाने के बाद अमजद ने दूसरी बार अपने माता-पिता से शहला के पिता के पास शादी का प्रस्ताव भिजवाया। इस बार शहला के पिता मान गए और दोनों की शादी हो गई। शादी के एक साल बाद ही दोनों माता-पिता भी बन गए। जिस दिन अमजद खान के बेटे शादाब का जन्म हुआ , उसी दिन उन्हें शोले फिल्म का ऑफर आया जिसने उनकी तकदीर ही बदल दी।
शोले के बाद दुनियां ही बदल गयी ।
बताते हैं कि शोले फिल्म का ऑफर पहले डैनी डेंजोंगप्पा को मिला था लेकिन किसी कारण से वह यह फिल्म नहीं कर पाए । जिसके बाद नए अभिनेता के तौर पर आए अमजद खान को यह भूमिका मिली । शुरू में किसी को अंदाजा भी नहीं था कि शोले फिल्म का डाकू गब्बर सिंह का यह रोल उनकी जिंदगी बदल देगा और फिल्मी पर्दे को एक नया विलन मिल जाएगा । फिल्म इतिहास के अगर चर्चित किरदारों की बात करें तो शोले फिल्म के गब्बर का किरदार कुछ ऐसा है जिसे दुनिया कभी भूल नहीं पाएगी।
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