सत्ता की कुर्सी पर जनता किसे विराजमान करना चाहती है उसका निर्णय जनता कर चुकी है, यानि उत्तर प्रदेश में सांतवे और आखिरी चरण के मतदान ख़त्म हो चुके है. अखिलेश की सपा ने भाजपा 2022 विधानसभा चुनाव में शुरुआत से कड़ी टक्कर दी है, जिसके चलते लोगो में काफी उत्साह नज़र आ रहा है. चुनाव के शुरुआत से ही लोगो के मन में सवाल है जो अब तक बने हुए है, इस कड़ी मुठभेड़ के बाद यह बताना की सत्ता की कुर्सी किसके हाथ में जायगी, काफी मुश्किल है.
लखीमपुर खेरी मामले में उठे थे भाजपा पर सवाल
बीते वर्ष हुए किसान आंदोलन में एक मामला लखीमपुर खेरी भी था जिसमे केंद्रीय ग्रह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानो पर गाड़ी चढ़ा दी थी. हादसे में कुल 8-9 लोगो की मौत हुई थी जिसमे एक पत्रकार का नाम भी शामिल था. भड़कायी जनता के रवैय्ये से 2022 के चुनाव का दृश्य साफ़ नज़र आ रहा था. भाजपा के लिए जनता में आक्रोश भरा था. किन्तु 2021 सर्वे की मानें तो लखीमपुर खेरी काण्ड के बावजूद भी लोगो ने योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया था. जनता ने उस 2021 के सर्वे में योगी आदित्यनाथ को पहली पसंद और अखिलेश यादव को दूसरी पसंद का दर्जा दिया था.
पलट सकता है सिक्का
भाजपा पर भले से उत्तर प्रदेश की जनता ने एक बार फिर भरोसा दिखाया हो किन्तु अखिलेश ने भी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी. 2022 विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए लोगो को असमंजस में डाल दिया है. जब तक उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे साफ़ नहीं हो जाते तब तक कोई भी अंदाज़ा लगाना व्यर्थ है, क्यूंकि सत्ता कभी भी पलट सकती है.
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