आजादी के बाद से अब तक के सत्तर सालों में पक्ष और विपक्ष के काम करने के तरीकों में कितना बदलाव आया है ये उस समय की कई घटनाओं से पता चल जाता है । मामला 1973 का है जब पेट्रोल की कीमतों में 7 पैसे की वृद्धि के विरोध में अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee on Bullock cart) बैलगाड़ी से संसद पहुंचे थे आज वर्तमान सरकार भी तेल के बढ़ते दामों को लेकर हर तरफ आलोचना का सामना कर रही है। 48 साल पहले कॉंग्रेस सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किये गए विरोध को आज भी याद किया जाता है।
इंदिरा गांधी की सरकार में 48 साल पहले बैलगाड़ी में बैठ संसद पहुंचे
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हुई खबर के अनुसार घटना 1973 की है । केंद्र में इंदिरा गांधी की सरकार थी । पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही थी ।पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के लिए इंदिरा गांधी की सरकार की आलोचना की जा रही थी । विपक्षी दल सरकार को घेर रहे थे । लोकसभा में विपक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी से इस्तीफे की मांग कर रहा था।
स्व अटल बिहारी वाजपेयी तब जनसंघ के चर्चित नेता थे और अपनी लोकप्रिय वाकपटु शैली के लिए जाने जाते थे। अटल बिहारी वाजपेयी और उनके दो सहयोगी नेता बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामो के विरोध मे बैलगाड़ी से संसद पहुंचे
7 पैसे की वृद्धि हुई थी पेट्रोल में
1973 के सत्र के समय किये गए इस विरोध वाकई तस्वीरों में साफ दिखता है कि पेट्रोल में 7 पैसे की वृद्धि हुई थी ।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने बेंनर हाथ मे लिए हुए है जिनपर 7 पैसे वृद्धि और 100 पैसे टैक्स के विरोध में ये प्रदर्शन हो रहा है। कुछ बैनरों पर केरोसिन के बढ़ते दामो का विरोध भी किया गया है।
बेंनर पर कॉंग्रेस के नारे ” गरीब हटाओ ” के आधार पर विरोध में लिखा है “गरीबी हटाओ या गरीब हटाओ “।वहीं कई अन्य विपक्षी तेल के दामों में बढ़ोतरी के विरोध में साईकल पर संसद पहुँच रहे थे। ये संसद का शीतकालीन सत्र था और 12 नवंबर को ही शुरू हुआ था ।
इंदिरा गांधी बग्घी में बैठकर दे रही थी तेल बचाने का संदेश
इंदिरा सरकार का मानना था कि ऐसी परिस्थिति में देश के लोगो को तेल बचाना चाहिए। तेल अंतरराष्ट्रीय कीमतों की वजह से महंगा हो रहा है। देशवासियों को तेल बचाने का संदेश देने के लिए इंदिरा खुद बग्घी से यात्रा कर रही थी । उन्होंने संसद सत्र में जाने के लिए बग्घी मंगा ली । जिसका विरोध करने के लिए तब विपक्ष के नेता अटल बिहारी बाजपेयी में ये रास्ता चुना । उन्होंने अपने दो सहयोगियों के साथ बैलगाड़ी से संसद तक की यात्रा की । इस दौरान सरकार को भारी सुरक्षा व्यवस्था रखनी पड़ी ।