सफलता का मूल मंत्र खुद पर विश्वास करना होता है। कहा जाता है यदि आप सचमुच सफल होना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने आत्मविश्वास को मजबूत कीजिए।
आज हम आपको एक ऐसी महिला अधिकारी के विषय में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने विश्वास के दमपर शारीरिक दर्द को हरा दिया और यूपीएससी की परीक्षा पास कल ली।
इन प्रतिभावान महिला का नाम प्रज्ञा जैन है। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के छोटे से कस्बे बड़ौत में हुआ था। इनके पिता पेशे से डॉक्टर हैं और माता गृहणी हैं। प्रज्ञा का एक भाई भी है जिसका नाम वैभव जैन है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रज्ञा बचपन से ही पढ़ने में होशियार थीं। उन्होंने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में पूरे जिले में टॉप किया था।
प्रज्ञा हमेशा से ही दूसरों की सहायता करना चाहती थीं। यही कारण था कि उन्होंने जरुरतमंदों की मदद के लिए चिकित्सक बनने का फैसला लिया। वे अपने ग्रेजुएशन के दौरान गोल्ड मेडलिस्ट रहीं।
कड़ी मेहनत के बाद वे डॉक्टर बन गईं। इसके बाद उन्होंने विनीत जैन से शादी कर ली। विनीत बैंक ऑफ बड़ौदा में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।
जानकारी के अनुसार, शादी के बाद प्रज्ञा दिल्ली के शाहदरा शिफ्ट हो गईं। यहां उन्होंने अपना क्लीनिक खोल लिया। वे दिन-रात मरीजों की सेवा और उनकी देखभाल करतीं।
हालांकि, उनका मन इससे संतुष्ट नहीं था। वे बड़े स्तर पर जनहित में कार्य करना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वे यूपीएससी की परीक्षा देकर ऑफिसर बनेंगी।
2015 में प्रज्ञा ने यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें वे अंकों से पास होने से रह गईं। लेकिन उनका विश्वास कम नहीं हुआ। उन्होंने एक बार फिर परीक्षा में बैठने का फैसला किया। इस बार फिर वे असफल हो गईं।
इसपर उनके परिजनों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं मानी और उन्होंने साल 2017 में एक बार फिर यूपीएससी का एग्जाम दिया। मज़े की बात ये कि वे लिखित परीक्षा में पास हो गईं। अब समय आया इंटरव्यू का। हालांकि, इस दौरान उनकी हालत नाजुक थी। वे प्रेग्नेंसी के दौर से गुज़र रही थीं।
गौरतलब है, प्रज्ञा ने यूपीएससी के पैनल से गुजारिश की उनका इंटरव्यू पहले ले लिया जाए। इसके लिए उन्होंने प्रेग्नेंसी का हवाला दिया। 6 जजों के पैनल ने उनकी हालत के मद्देनज़र उनका इंटरव्यू सबसे पहले लिया।
जानकारी के अनुसार, इंटरव्यू के ठीक 2 हफ्ते बाद उन्होंने एक मासूम सी बच्ची को जन्म दिया जिसका नाम उन्होंने पीहू रखा।
बच्ची के जन्म के साथ प्रज्ञा के घर में खुशियों का अंबार लग गया। 2 हफ्तों बाद उनका रिजल्ट भी आ गया जिसमें वे 154वीं ऑल इंडिया रैंक लाकर आईपीएस अधिकारी बन गईं।