सर्दियां लगभग खत्म हो चुकी हैं। दिन में तेजी से बढ़ती सूरज की तपिश इस बात की तस्दीक करती है कि गर्मियां आ गई हैं। इस मौसम में मच्छरों का भी आना-जाना शुरु हो जाता है। जब वे आते हैं तो बीमारी साथ में लाते हैं इसलिए गर्मी के सीजन में इंसानों को अधिक सावधान रहने की जरुरत होती है।
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आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे मच्छर तय करते हैं किसका खून उन्हें चूसना है?
इस बात से तो आप सब बखूबी वाकिफ हैं कि इंसानों का खून सिर्फ मादा मच्छर चूसता है जबकि नर मच्छर ऐसा नहीं करते हैं।
सूंघकर तय करते हैं शिकार
वैज्ञानिकों ने हाल ही में मच्छरों पर किए गए शोध को लेकर दावा किया है कि मादा मच्छर इंसानी गंध को सूंघकर और अपनी आखों की दृष्टि से तय करती है कि उसे किसका खून चूसना है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, मच्छरों में 100 फीट दूर से गंध सूंघ लेने की क्षमता होती है। वे इसका इस्तेमाल करके इंसान की तरफ तेजी से बढ़ते हैं। माना जाता है कि मच्छर इंसानों द्वारा रिलीज़ की जाने वाली कॉर्बन डाइऑक्साइड की गंध सूंघकर अपने शिकार का चुनाव करते हैं।
इसकी महक लगते ही वे हमारी तरफ आकर्षित होते हैं और हमारे शरीर की गर्मी से हमारे ठिकाने का पता लगा लेते हैं।
इस तरह से कर सकते हैं बचाव
गौरतलब है, वैज्ञानिकों का मानना है कि अग मादा मच्छरों की सूंघने की क्षमता को कम कर दिया जाए तो वे इंसान को नहीं काट सकेंगी। इससे मनुष्य मलेरिया, डेंगू, जीका वायरस जैसी तमाम बीमारियों से खुद को सुरक्षित रख सकेगा।
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