धर्मेंद्र और हेमामालिनी के प्यार के किस्से सभी ने सुने हैं। शोले में धर्मेंद्र ने ठाकुर की भूमिका करने की प्रबल इच्छा दिखाई थी। सिप्पी साहब उन्हें वीरू के किरदार के लिए मनाने गए थे। उन्होंने धर्मेंद्र से कहा कि यदि वे ठाकुर बनते हैं तो संजीव कुमार को हेमामालिनी के साथ रोमांस करने का मौका मिल जाएगा। इस बात को सुनकर धर्मेंद्र ने वीरू के किरदार के लिए हामी भरी थी।

शूटिंग के दौरान शॉट बिगाड़ने के लिए लाइटमैन को पैसा देते थे धर्मेंद्र
शोले फ़िल्म की शूटिंग के दौरान हेमा मालिनी के करीब जाने के लिए धर्मेंद्र खूब उधेड़बुन लगाते रहते थे। एक रोमांटिक सीन के दौरान तो उन्होंने बार-बार रीटेक लेने के इरादे से लाइटमैन को शॉट बिगाड़ने का काम पकड़ा दिया था और उसे बाद में अलग से पैसे देते। 1980 में दोनों ने शादी रचा ली थी। आज हम जिस फ़िल्म की बात करने जा रहे हैं वह 1988 में आई थी। यह अपने समय की ऐसी फिल्म थी जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया था।

ग्रामीण स्त्रियों की कामुकता के साथ कई विषयों पर बनी थी ‘रिहाई’
‘रिहाई’ नाम की इस कला फ़िल्म को अरुणा राजे ने निर्देशित किया था। गुजरात के एक गांव में आधारित यह फ़िल्म महिलाओं की भावनाओं और डिजायर की बात कहती है। फिल्म शहरी भारत में पुरुष प्रवासी कामगारों की संलिप्तता और ग्रामीण क्षेत्रों में पीछे रह गई महिलाओं की कामुकता के बारे में बताती है। अरुणा ने फ़िल्म में कई रोमांटिक सीन देने के लिए हेमामालिनी को राजी कर लिया था। हेमामालिनी और विनोद खन्ना के बीच इंटिमेट सीन भी शूट किये गए थे।

हेमामालिनी के आग्रह पर भी इंटि’मेट सीन के लिए राजी नही हुए नसीर
नसीरुद्दीन शाह ने हेमामालिनी के साथ इंटिमेट सीन शूट करने से इनकार कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हेमामालिनी और निर्देशक दोनों ने नसरुद्दीन को समझाने की कोशिश भी की। नसीर अपने फैसले में अडिग रहे। अरुणा राजे फ़िल्म में उस सीन को डालना ज़रूरी समझती थीं। उन्होंने किसी बॉडी डबल को लेकर हेमामालिनी के साथ वह इंटिमेट सीन फ़िल्मा लिया।

जब फ़िल्म के फाइनल एडिट में नसीरुद्दीन ने अपना इंटिमेट सीन देखा तो घबरा गए, उन्होंने तुरंत उस सीन को फ़िल्म से निकालने की बात कही लेकिन अरुणा राजे राज़ी नही हुई। खबरें बताती हैं कि नसीरुद्दीन को धर्मेंद्र से डर लग रहा था, इसी कारण वे हेमामालिनी के साथ कोई भी अंतरंग दृश्य शूट नही करना चाहते थे।
अरुणा राजे को मिली थी तारीफें
माना जाता है कि यह फ़िल्म अपने समय से बहुत आगे बनी थी। कहानी के अनुसार गाँव के सभी मर्द काम के सिलसिले में शहर चले जाते हैं और गांव की महिलाएं अकेली पड़ जाती हैं। यह महिलाओं की कामुकता के साथ ही अन्य कई विषयों पर बात करती है। सलमान खान की ऑनस्क्रीन माँ रीमा लागू ने नसीरुद्दीन के साथ अंतरंग दृश्य दिए थे। इस फ़िल्म का विषय इसे दूसरी फिल्मों से बहुत दूर लाकर खड़ा करता था। कमर्शियल फिल्मों की महारानी हेमामालिनी ने ऐसी कला फ़िल्म में काम करके अपनी योग्यता को प्रदर्शित किया था।