युद्धग्रस्त यूक्रेन में रुस के हमले के बाद स्थिति भयावह रुप ले चुकी है। रुसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर पिछले दिनों गोलीबारी की थी, जिसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि मृतक खारक्रीव में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था।
बता दें, पिछले पांच दिनों से यूक्रेन के हालात नाजुक हैं। यही कारण है कि केंद्र की मोदी सरकार जल्द से जल्द भारतीय नागरिकों को युद्रधग्रस्त क्षेत्र से वापिस लाने के प्रयास कर रही है। विदेश मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा के तहत तमाम भारतीय नागरिकों को सुरक्षित और समय रहते भारत वापिस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हरदोई की छात्रा का वीडियो वायरल
इस बीच सोशल मीडिया पर कई भारतीयों के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें वे सरकार से उन्हें जल्द से जल्द वहां से निकालने की गुजारिश कर रहे हैं। इन्हीं में एक वीडियो यूपी के हरदोई के सांडी ब्लाक के तेरापुरसेलीं गांव की निवासी वैशाली का भी है। वे भी यूक्रेन के खारक्रीव में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गईं थीं। सोशल मीडिया के माध्यम से वे देश की सरकार से उन्हें सुरक्षित भारत वापिस पहुंचाने की अपील कर रही थीं। देखते ही देखते उनका यह वीडियो सोशल मीडिया के गलियारों में वायरल हो गया और हरदोई प्रशासन के हाथ लग गया।
हैरानी की बात यह है कि वैशाली वर्तमान में हरदोई के तेरापुरसेलीं गांव की प्रधान हैं। इसके बावजूद वे यूक्रेन चली गईं।
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मालूम हो, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेंद्र यादव की पुत्री वैशाली पंचायत चुनाव के दौरान गांव आई थीं। इस दौरान उन्होंने जिला पंचायत का चुनाव लड़ा था और भारी बहुमत से जीत हांसिल की थी।
इसके बाद वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए यूक्रेन वापिस चली गईं। अब जब यूक्रेन में स्थिति नाजुक हो गई है तो प्रशासन से उन्हें सुरक्षित भारत वापिस लाने की गुहार लगा रही हैं।
पुलिस करेगी ग्राम प्रधान के खिलाफ जांच
ऐसे में प्रश्न उठ रहा है कि ग्राम पंचायत होते हुए वैशाली विदेश कैसे गईं? इसके अलावा उनके बैंक अकाउंट का संचालन हरदोई में कौन कर रहा है?
वहीं, हरदोई की सीडीओ आकांक्षा राणा ने इस पूरे मामले पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि, मामले की जांच की जा रही है कि आखिर प्रधान रहते हुए वह कैसे यूक्रेन चली गई और उसके खातों का जो संचालन किया जा रहा है, वह किसके द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रधान के खाते को सीज कर दिया गया है।
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