सफलता पाने का जूनून और जोश जब सर चढ़ा हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता. जमीन आसमान एक कर देता है इंसान जब किसी चीज़ को पाने का भूत सवार हो. ऐसी ही एक कहानी है उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वालीं ‘संजू रानी वर्मा’ की.
कैसी हुई सफर की शुरुआत
भारत कई मायनो में आगे निकल चूका है, महिला सशक्तिकरण के लिए न जाने कितने कदम सरकार द्वारा उठाये जा चुके है. किन्तु आज भी ऐसे जिले हैं ऐसे गाँव है जहाँ लड़कियों की प्राथमिक शिक्षा पूरी होते ही उनकी शादी कर उन्हें विदा कर दिया जाता है. रानी पर भी 12वी की पढाई के बाद कुछ ऐसा ही दबाव बनाया गया था. रानी की बड़ी बहन की शादी भी 12वी के बाद ही हो गई थी, रानी पर भी 12वी के बाद शादी का दबाव बनाया गया किन्तु उन्होंने जैसे तैसे घरवालों को आगे की पढाई के लिए मनाया। उन्होंने मेरठ के ही आर.जी कॉलेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त करी, आगे की पढाई के लिए वे दिल्ली आ गईं, दिल्ली में दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने पी.जी में नामांकन किया था. एक लड़की को उसकी माँ से ज़्यादा शायद ही कोई समझता हो, जब वे दिल्ली में पढाई कर रहीं थी तब उनकी माँ का देहांत हो गया था. वह दौर रानी के लिए काफी कठिन था.
कब किया घर छोड़ने का फैसला
माँ के देहांत के बाद जब घरवालों ने दोबारा शादी का दबाव बनाया तब 2013 में उन्होंने घर छोड़ कर जाने का फैसला किया। ज़िंदगी तब आसान नहीं थी. अब सिर्फ पढाई ही नहीं जीवनी के लिए कमाना भी था. खर्चा उठाने के लिए उन्होंने अपनी पीजी की पढाई छोड़ दी थी. कमाने के लिए उन्होंने बच्चों को टूशन देना शुरू किया साथ ही कुछ प्राइवेट स्कूल में पढ़ना शुरू किया था.
IAS बनने का देखा था सपना
जैसे जैसे समय बीता उनकी मेहनत आखिरकार रंग ला रही थी, UPPSC की परीक्षा पास कर अब वे कमर्शियल टैक्स अफसर है. सर पर एक बार सफलता का भूत सवार हो तो कदम रुकते नहीं, अब उनका सपना है की वे मेरठ की जिलाधिकारी बन कर वापस लौटें। महिला सशक्तिकरण की दुनिया में रानी ने अपना नाम मेहनत और जूनून से दर्ज किया है. अपने सपने के लिए लड़ने वाली वो इंटर पास लड़की आज अपने जैसी न जाने कितनी लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकीं है.