एपीजे अब्दुल कलाम मरहूम हुए आज 6 साल गुजर चुके है. लेकिन आज भी उनकी रूह भारत में बसती है. साल 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने फोन करके भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए आग्रह किया था. उन्होंने कलाम साहब को फोन करके कहा था की मुझे सिर्फ आपकी हां सुननी है. आइये जानते है कैसे अचानक से उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया था.
अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा था- मुझे सिर्फ हाँ सुननी है
2002 में उस दिन कलाम साहब चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में अपना लेक्चर दे रहे थे. उस समय उनके पास फोन आया था. जब कलाम साहब की आवाज अटल जी के कानों में पड़ी तब उन्होंने ने कलाम साहब से कहा कि मैं ऑल पार्टी मीटिंग से आया हूँ, वहां मौजुद सारी पार्टियाँ सिर्फ आपको ही भारत के राष्ट्रपति के रूप में देखन चाहती है. मुझे इस मुद्दे में आपकी सहमति चाहिए और इसका ऐलान आज रात को ही होना है. मुझे आपसे हाँ ही चाहिए, ना नहीं.
अब्दुल कलाम साहब की उम्मीदवारी पर सारे दलों ने जताई थी सहमति
साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेकेट्री ब्रजेश मिश्रा अटल जी के पास एक प्रस्ताव लेकर पहुंचे थे. इस प्रस्ताव में उन्होंने अटल जी से नैशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला देश का उपराष्ट्रपति बनाने का आग्रह किया था.
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इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुयी, बाद में अटल जी ने फारुक अब्दुल्ला से भी इस विषय पर चर्चा की. उस समय ये फैसला लिया गया कि फारुक अब्दुल्ला उपराष्ट्रपति की गद्दी पर बैठे और उनके बेटे उमर को जम्मू कश्मीर का सीएम बना दिया जाए.
इस रणनीति का एक पहलू ये भी था कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति कृष्णकांत को देश का राष्ट्रपति बना दिया जाए. लेकिन कई नेताओं समेत लालकृष्ण अडवाणी ने इस बात का विरोध किया. वही फारुक अब्दुल्ला एनडीए पर अपना भरोसा कायम नहीं कर पा रहे थे. बाद में अन्य दलों ने उनके नाम पर भी अपनी सहमती पेश नहीं की. इन सब के बीच एक जाना माना नाम राष्ट्रपति के पद के लिए सामने आया. जो हमारे देश के जाने माने वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम साहब का था.
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इसके बाद पीएमओ ऑफिस से उन्हें फोन किया गया था. लेकिन अटल जी से बात करने से पहले चन्द्रबाबू नायडू ने उनसे बात की थी. उन्होंने कलाम साहब से कहा कि पीएम आपसे एक जरुरी मुद्दे पर आपकी सहमती मांगेंगे जिसके एवज में आपको हां में ही जबाब देना है, इसके लिए आप न मत कहना.
अब्दुल कलाम साहब ने 2 घंटे बाद दिया था जवाब
एपीजे अब्दुल कलाम साहब से जब अटल जी ने राष्ट्रपति बनने की सहमती मांगी थी. तब कलाम साहब ने उनसे 2 घंटे का समय माँगा था. जिसके बाद उन्होंने उनके प्रस्ताव पर अपनी सहमती जाहिर कर दी थी. लेकिन उन्होंने कहा था की इसके लिए वो सभी दलों की तरफ से उम्मीदवार बनना चाहते है. जिसके बाद बाद सोनिया गाँधी समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं ने उनकी उम्मीदवारी पर अपनी सहमती प्रस्तुत कर दी थी.
कलाम साहब के राष्ट्रपति बनने के बाद राष्ट्रपति भवन के दरवाजे आम आदमी की लिए खोल दिए गये थे. ये उनका ही ऑर्डर था. आज के समय में कलाम साहब को अब तक का सबसे प्रभावशाली और सादगी वाला राष्ट्रपति माना जाता है.