Monday, November 4, 2024

जब दोस्त की 24 साल छोटी बेटी को दिल दे बैठे थे मोहम्मद अली जिन्ना, धर्म परिवर्तन करवाकर किया था निकाह

साउथ एशिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक मोहम्मद अली जिन्ना को हम सब पाकिस्तान के संस्थापक के रुप में जानते हैं। उनकी जिंदगी से जुड़े तमाम किस्से आज भी इंटरनेट की दुनिया में वायरल रहते हैं। इनमें से एक है जिन्ना और रती की मोहब्बत का।

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कायद-ए-आजम के नाम से थे मशहूर

इस बात से तो आप सब वाकिफ ही हैं कि जिन्ना का जन्म गुजरात के कठियावाड के पनेली गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पुंजा था। वे पेशे से एक सुप्रसिद्ध व्यापारी थे। जिन्ना बचपन से पढ़ाई में तेज़ थे। उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से मैट्रिक की डिग्री प्राप्त की और महज़ 19 साल की उम्र में वकील बन गए थे। धीरे-धीरे जिन्ना का कद और उनकी योग्यता दोनों बढ़ रहे थे। यही कारण था कि कम उम्र में ही लोग उन्हें कायद-ए-आजम के नाम से पुकारते थे।

दोस्त की बेटी पर दिल हार बैठे थे जिन्ना

साल 1916 में जिन्ना अपने दोस्त और क्लाइंट दिनशॉ पेतित के घर दार्जिलिंग पहुंचे थे। पारसी धर्म को मानने वाले दिनशॉ अपनी पत्नी दिनाबाई पेतित और इकलौती बच्ची रति के साथ रहते थे। कहा जाता है कि जिन्ना जब दिनशॉ के घर पहुंचे तो उनकी मुलाकात सबसे पहले रति से ही हुई थी। पहली मुलाकात में वे अपना दिल खुद से 24 साल छोटी लड़की को दे बैठे थे। उस वक्त रती महज़ 16 साल की थी। दिनशॉ से मिलने के बहाने जिन्ना अक्सर उनके घर आया-जाया करते थे। धीरे-धीरे रति और जिन्ना की नजदीकियां बढ़ने लगी थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि, जब रति 18 की हुईं तो जिन्ना ने अपने अजीज़ मित्र दिनशॉ के सामने उनकी बेटी से निकाह करने का प्रस्ताव रखा जिसपर वे काफी भड़क गए थे। उन्होंने जिन्ना को उनकी उम्र पर गौर फरमाने के लिए कहा था।

रति ने किया जिन्ना से निकाह

हालांकि, जिन्ना और रती का प्यार परवान चढ़ रहा था। रती भी उनकी ओर आकर्षित हो रही थीं। यही कारण था कि उन्होंने धर्म की जंजीरों को तोड़ते हुए जिन्ना से निकाह कर लिया था। इसके लिए उन्होंने धर्म परिवर्तन करके अपना नाम रति मरियम जिन्ना रख लिया था।

जानकारों के मुताबिक, उन दिनों रती अपने ड्रेसिंग सेंस के लिए काफी मशहूर थीं। उन्हें फ्लॉवर ऑफ बॉम्बे नाम से जाना जाता था। इसके अलावा वे मोस्ट वेल ड्रेस्ड वुमन भी कहीं जाती थीं।

‘मेरी जान..’

हालांकि, दोनों की यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी थी। दरअसल, जिन्ना उन दिनों राजनीति के अहम पायदान पर पहुंच चुके थे। वे मुस्लिमों के लिए अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे। इन्हीं सब कारणों की वजह से साल 1926 तक आते-आते जिन्ना और रति के बीच की दूरी बढ़ गई थी। लेकिन रति उनसे फिर भी बेइंतहा मोहब्बत करती थीं। इस बात की गवाही उनके अंतिम पत्र ने चीख-चीखकर दी थी।

25 अक्टूबर, 1928 को रति ने जिन्ना के लिए एक खत लिखा था। इसमें उन्होंने अपने प्यार का आखिरी बार इजहार किया था। उन्होंने लिखा था कि, ‘मेरी जान, मैंने तुमसे बेपनाह मोहब्बत की है। ऐसी मोहब्बत चुनिंदा लोगों को ही नसीब होती है। जो इस लायक होते हैं।’ इसके बाद 20 फरवरी 1929 को 29 साल की उम्र में रति ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

जिन्ना की बेटी ने की पारसी से शादी

बता दें, जिन्ना और रति की एक बेटी भी थी जिसका नाम दिना था। दिना अक्सर अपनी मां को मिस करती थीं जबकि उनके पिता के पास उनके पास समय अपनी बच्ची के लिए समय ही नहीं था। इसलिए जिन्ना ने दिना को पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेज दिया था। यहां दिना की मुलाकात नेविली वाडिया से हुई थी। नेविली मूलरुप से भारतीय था और धर्म से पारसी। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और वे एक-दूसरे को प्यार करने लगे थे। हालांकि, जिन्ना को यह रिश्ता मंजूर नहीं था उन्होंने बेटी को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी और उसने भारत आकर नेविली से शादी रचाई और रहने लगी।

कराची में हुई थी जिन्ना की मौत

गौरतलब है, पाकिस्तान के गठन के बाद जिन्ना देश के पहले गर्वनर जनरल बने थे। वे पिछले कई सालों से टीबी की बीमारी से जूझ रहे थे। यही कारण रहा कि जिन्ना ने कराची में 11 सितंबर 1948 को दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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