Sunday, October 6, 2024

अटल जी के पास नही थे इलाज के पैसे ,तब राजीव गांधी ने ऐसे बचाई जान, हत्या के बाद वाजपेई ने किया था खुलासा

साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद देशभर में शोक की लहर थी । भाजपा विपक्ष में थी और उस समय अटल बिहारी वाजपेई नेता विपक्ष थे । एक पत्रकार ने अटल जी से राजीव गांधी के बारे में सवाल पूछा । अटल जी भावुक हो उठे । उन्होंने 3-4 साल पहले का एक किस्सा सुनाया । अटल जी ने बताया कि अगर उस समय राजीव गांधी उनका इलाज नही कराते तो वे जिंदा नही होते ।

अटल बिहारी वाजपेई को किडनी की बीमारी ने घेरा

1984 -89 के दौरान राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे । अटल जी उस समय भाजपा के बड़े नेता थे लेकिन आर्थिक रूप से समृद्ध नही थे। 1988 में उन्हे अचानक किडनी की बीमारी ने घेर लिया । देश में तब किडनी के इलाज की समुचित व्यवस्था नही थी । पैसे वाले लोग अमेरिका जाकर इलाज करा लेते थे । अटल जी कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से अमेरिका नही जा पा रहे थे । और वे किसी से मदद भी नही मांग पा रहे थे।

राजीव गांधी ने ऐसे की मदद

इसी बीच अटल जी की बीमारी की बात राजीव गांधी को पता चली । दोनो संसद में एक दूसरे के धुर विरोधी थे । लेकिन तब की राजनीति में मानवीय मूल्यों की कमी नही थी और न आज की तरह निष्ठुरता। एक दूसरे का सम्मान और तब राजनेता जानते थे और जरूरत पड़ने पर मदद भी करते थे ।

प्रतिनिधिमंडल के साथ भेजा संयुक्त राष्ट्र ताकि इलाज करा सके

अटल जी की किडनी की बीमारी का पता चलते ही राजीव गांधी ने उन्हें बुलाया और एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत सरकार की तरफ से संयुक्त राष्ट्र भेज दिया ताकि वे वहां इलाज करा सके । उन्होंने अटल जी से कहा कि वे जाकर न्यूयार्क में अपना इलाज भी करा ले । जिसके बाद अटल बिहारी बाजपेई न्यूयार्क गए और अपना इलाज कराया ।
अटल जी की प्रसिद्ध कविता ‘मौत से ठन गई ‘ उन्होंने इसी दौरान अमेरिका में अस्पताल में लिखी । इस तरह अटल जी  गंभीर बीमारी को मात देकर वापस लौटे।

वहां से लौटने के बाद दोनो में से किसी ने भी सार्वजनिक रूप से इस बात का जिक्र कभी नही किया । व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर अटल जी ने राजीव गांधी का धन्यवाद किया । हालाकि पहले की तरह ही दोनो परस्पर विरोधी की भूमिका निभाते रहे ।

राजीव गांधी की हत्या के बाद किया खुलासा

1991 में लिट्टे समर्थित आतंकवादियों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी । वे राजीव के श्रीलंका में शांति सेना भेजे जाने से नाराज थे । देश गहरे शोक में डूबा हुआ था । अटल बिहारी वाजपेई नेता विपक्ष की भूमिका में थे ।
एक वरिष्ठ पत्रकार ने अटल जी से राजीव गांधी पर विचार प्रकट करने को कहा तो अटल जी भावुक हो गए। उनकी आंखें भर आई । तब अटल जी ने पत्रकारों को ये किस्सा सुनाते हुए कहा कि अगर उस समय राजीव गांधी उनका इलाज नही कराते तो वे जिंदा नही होते ।

क्या आज की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में ऐसे उदाहरण देखे जा सकते है ?

Sunil Nagar
Sunil Nagar
Founder and Editor at story24.in . He has 5 year experience in journalism . Official Email - sunilnagar@story24.in .Senior Editor at Story24 .Phone - 9312001265
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