‘किसी दिन यह तमाशा मुस्कुराकर हम भी देखेंगे’ 60 के दशक में बनी मुग़ले आज़म का यह गाना हर कोई गुनगुनाता है। फिल्म मुग़ले आज़म का ये गाना जिसमे अदाकारा “मधुबाला” ने दर्शको के ज़हन पर अपनी चाप छोड़ी थी, वह मधुबला की आखिरी फिल्म थी।
मशहूर अभिनेत्री मधुबाला का पूरा नाम ‘मुमताज़ जहां बेगम देहलवी’ था बॉलीवुड की यह अभिनेत्री अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध थीं, अपनी मौत से पहले करीब 60 से ज़्यादा फिल्मों के द्वारा दर्शकों का दिल जीत चुकीं थीं। 1947 की नील कमल से लेकर 1960 की मुग़ले आज़म तक एक भी फिल्म दर्शको को निराशा पहुंचाने वाली नहीं थी।
कल्पनाशील मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 में हुआ था, पिता के काम छूटने के बाद रोज़मर्रा की ज़िन्दगी संवारने के लिए उनके पिता उन्हें फिल्म स्टूडियो, काम की तलाश में लेकर गए।
कैसे हुई करियर की शुरुआत?
9 साल की छोटी बच्ची फिर मुमताज़ बेगम के नाम से अपनी पहचान बनाने वालीं मधुबाला ने 16 साल की उम्र में 1949 की फिल्म ‘महल’ के लिए उन्होंने फिल्म जगत से ख्याति बंटोरी, जिसकी वे हक़दार भी थी। 1942 की ‘बसंत’ मधुबाला की पहली फिल्म जिसमे वे एक बच्ची के किरदार में नज़र आयी हैं, फिल्म के लिए उन्हें 150 रूपये बतौर फ़ीस दिए। 1954 में SS वसन की फिल्म ‘बहुत दिन हुए’ की शूटिंग के दौरान उन्हें पहली बार खून की उलटी हुई थी। इलाज के बाद फलम की शूटिंग को दोबारा शुरू करा गया, लोगो को यही लगा था कि मधुबाला अब स्वस्थ है। लेकिन 1957 में राज कपूर के साथ फिल्म ‘चालक’ की शूटिंग के दौरान वे बेहोश हो गयीं।
जांच के बाद पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद था। बात यह थी कि उस दौर में विज्ञान और चिकित्सा उतना विकसित नहीं थे। इस बीमारी के लिए अस्पतालों में इलाज नहीं था, न ही कोई अंदाज़ा था कि इसको कैसे सही किया जा सकता है। अपने आकर्षण से ख्याति बटोरने वाली वह महिला जो एक सशक्त और शांत अभिनेत्री के रूप उभर कर आ रही थी, वहीँ दूसरी ओर वे एक अंदर से कमज़ोर व्यक्ति के रूप में भी पतित थीं।
मधुबाला ने अपना काम जांच के एक महीने बाद ही शुरू कर दिया था। हालाँकि डॉक्टरों ने उन्हें तीन महीने का रेस्ट लेने के लिए कहा था। वे चाहती थी कि उन्होंने जितनी फिल्मों के ऑर्डर लिए थे उन सभी को पूरा कर दें। तब उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म मुग़ले आज़म का शूट ख़त्म किया था।
व्यक्तिगत जीवन
एक तरफ जहाँ वे अपनी ज़िन्दगी और अपनी कला के लिए संघर्ष कर रहीं थीं वही दूसरी तरफ उनकी ज़िन्दगी में एक अलग चहल पहल चल रही थी। मधुबाला की सगाई प्रसिद्ध दिलीप कुमार के साथ हो चुकी थी, लेकिन उनके पिता इस रिश्ते से खुश नहीं थे। तब मधुबाला ने दिलीप कुमार को छोड़ किशोर कुमार संग विवाह कर लिया था। उनकी जिंदगी में रंग भरने शुरू हुए ही थे कि, डॉक्टर्स ने बताया की वे अब ज़्यदा नहीं रह पाएंगी। मधुबाला का दुःख दुगना तब हुआ जब किशोर कुमार ने एक घर खरीदा जिसमें उन्हें अकेला छोड़ दिया।
जो कभी बच्चे बच्चे की जुबां पर थी, जिसकी खूबसूरती के चर्चे हुए करते थे उन्होंने अपने आखिरी दिन अकेलेपन में और डिप्रेशन में बिठाये। उनकी फिल्म ‘चलती का नाम गड्डी’ से अभी भी लोग हसी से गुद गुदा सकते है और फिल्म ‘मुग़ले आज़म’ से आ भी लोगो की आँखों में आंसू आ सकते है। अदाकारा ऐसी जिसने समय को भी मात दी और आज भी खूबसूरती की मिस्साल देने के लिए मधुबाला को याद करते है। कहते है की सुंदरता हो तो मधुबाला जैसी हो।