भारत को मंदिरों का गढ़ माना जाता है, कुछ मंदिर ऐसे जो हीरों से जड़ें है, वहीँ कुछ ऐसे जो चार दीवारों तक सीमित है. मंदिर चाहे जैसे जैसे भी हों, भक्ति और विश्वास हर मंदिर के हर कोने में देखी जा सकती है और पवित्रता महसूस करी जा सकती है. केरला में स्तिथ सबरीमाला श्री अयप्पा के विवादों के चलते सभी जानते है की वहां महिलाओं का प्रवेश निषेध है, इसके शिव भारत में कुछ मंदिर ऐसे भी है जहाँ पुरुषो का जाना माना है. कुछ मंदिर ऐसे हैं जहा पर सिर्फ महिलाएं ही पूजा कर सकती है.
1.अट्टुकल भगवती मंदिर, केरला
अट्टुकल भगवती मंदिर केरला में स्तिथ है, यहाँ एक दस दिन का त्योहार मनाया जाता है. पूजा के दौरान वहां तैयारिओं का ज़िम्मा महिलाओ का रहता है, एतुक्काल पूजा के चलते मंदिर में हज़ारों महिला भक्तो को देखा जा सकता है. एक बार में हज़ारों महिलाओं का किसी धार्मिक कार्य में भाग लेने के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम भी दर्ज है.
2.ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान
ब्रह्म देव के मंदिरों की संख्या वैसे तो भारत में काफी कम है, लेकिन राजस्थान में स्थित यह ब्रह्मा मंदिर की काफी मान्यता है. हालाँकि मंदिर में वैवाहित पुरुषों का प्रवेश निषेध है. माना जाता है कि ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती देवी थी. ब्रह्म देव को यज्ञ करना था जिसमे देवी सरस्वती यानि उनकी पत्नी का होना ज़रूरी था, समय पर ना आने के कारण ब्रह्म देव ने गायत्री देवी से विवाह कर यज्ञ संपन्न किया था. क्रोध में देवी सरस्वती देवी ने श्राप दिया की यदि कोई विवाहित पुरुष मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करता है तो उसके विवाहित जीवन में कठिनाइयां आ सकती है.
3.माता मंदिर, मुज़फ्फरनगर
इस मंदिर की मान्यता है कि यहाँ देवी को मासिक धर्म से गुज़रतीं है, और उस समय मंदिर में किसी भी पुरुष का प्रवेश निषेध होता है. इस समय काल में मंदिर के पुजारी का प्रवेश सख्त तौर पर मन होता है, सारि ज़िम्मेदारी महिलाओ को सौंप दी जाती है.
4.देवी कन्याकुमारी, कन्याकुमारी
देवी कन्याकुमारी 52 शक्तिपीठों में से एक है, माना जाता है की देवी पार्वती का सीधा कंधा और रीढ़ का भाग यहाँ गिरा था. यह भी माना जाता है की यहाँ भगवान शिव ने विवाह के समय देवी पार्वती से दुर्व्यवहार किया था इसलिए यहाँ पुरुषों का प्रवेश निषेध है, वह पुरुष जिन्होंने संन्यास धारण किया है वे पुरुष भी सिर्फ मंदिर के द्वार तक ही आ सकते है अन्यथा अन्य पुरुषों का मंदिर के प्रांगड़ में प्रवेश निषेध है
5.कामाख्या मंदिर, असम
कामाख्या मंदिर प्रसिद्ध है, किन्तु काफी काम लोग यह जानते है की इस मंदिर में पुरुषो का प्रवेश कुछ समय के लिए निषेध किया जाता है. यह मंदिर अम्बुबाची मेले के लिए भी जाना जाता है. मेले के दौरान मंदिर के कपाट 4 दिन के लिए बंद कर दिए जाते है, माना जाता है की इन चार दिनों में कामख्यादेवी मासिक धर्म से गुज़रतीं है. इस दौरान मंदिर के पुरुष पुजारिओं तक का प्रवेश निषेध रहता है. मंदिर की ज़िम्मेदारी महिलाओं को सौंप दी जाती है और केवल सन्यासियों को मंदिर की सेवा भाग की अनुमति दी जाती है.