बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए कनेक्टिविटी सबसे ज़रूरी चीज़ है. कनेक्टिविटी शानदार हो तो विकास की गंगा बहने में देर नहीं लगती. ऐसा ही भारत का एक क्षेत्र है जहां विकास और कनेक्टिविटी दोनों से ही लुप्त हैं. यहाँ के हालात कुछ ऐसे हैं कि यहाँ के रहने वाले लोग जैसे ही होश संभालते हैं, यहाँ से पलायन करने की तैयारी शुरू कर देते हैं. हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड की. आपने बुंदेलखंड के पिछड़ेपन के बारे में अखबारों में काफी पढ़ा होगा. नेताओं के भाषण सुने होंगे. लेकिन यह क्षेत्र आज नेताओं के भाषण तक ही सीमित रह गया है.
मगर अब बुंदेलखंड का कायाकल्प होने वाला है. यहाँ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बन्ने जा रहा है. जिससे इस क्षेत्र को विकास की नई रफ़्तार मिलेगी. वीर योद्ध्याओं के इस भूमि को एक बार फिर से अपने समृद्ध इतिहास पर गुमान होने लगेगा. बता दें कि इस एक्सप्रेसवे के बनते ही दिल्ली से बुंदेलखंड की दूरी घटकर घटकर 5 से 6 घंटे के बीच रह जाएगी. इसके अलावा यूपी के कई अन्य बड़े शहरों के साथ बुंदेलखंड की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी. तो चलिए आपको योगी सरकार के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की खूबियों से रूबरू करवाते हैं –
रिकॉर्ड समय में काम किया गया पूरा
बता दें की आगामी 16 जुलाई 2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे. इस दौरे पर वे जालौन जिले के उरई तहसील के कैथरी गाँव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगी. बताते चलें कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में फरवरी 2022 माह में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास चित्रकूट जिले के भरतकूप में किया था. इस परियोजना को 36 माह में पूरा होना था. मगर 8 माह पूर्व ही उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण इसका निर्माण कार्य पूरा कर दिया. जिससे सरकार को 1132 करोड़ रूपये की बचत हुई है, जिसे अन्य विकास एवं जन कल्याणकारी कार्यों में खर्च किया जाना है.
बुंदेलखंड एक्सप्रसे वे से जुड़ी अहम बातें –
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे यूपी के सात जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा से गुजरेगा.
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेसवे है. जो कि चित्रकूट जिले के भरतकूप के गोंडा गाँव से शुरू होता है और कुदरैल गांव के पास आगरा – लखनऊ एक्सप्रेस वे के साथ मिल जाता है.
- 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे में चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, 266 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर, छह टोल प्लाजा और 7 रैंप प्लाजा हैं.
ये भी पढ़ें : जान के डर से मालदीव से भी फरार गोटाबाया राजपक्ष, सरकार से की प्राइवेट जेट की डिमांड