विकास की बाट जोहती दादरी इस बार चुनेगी केवल हितेषी निष्काम सेवक
दादरी की भूमि वीर प्रसूता अर्थात वीरों की जननी रही है। राव उमराव सिंह भाटी , दरियाव सिंह, रोशन सिंह मजलिस सिंह भाटी लुहारली जैसे अनगिनत 1857 के स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों ने अपने बलिदान से इसके गौरव को बढ़ाया है। मध्यकाल से लेकर ब्रिटिश काल तक दादरी की विशिष्ट पहचान रही है। दादरी रियासत को राजनीतिक पहचान अर्थात विधान सभा के रूप में मान्यता मिली । स्वाधीनता के पश्चात बीसवीं सदी के 50 वें दशक में पहली बार दादरी विधानसभा का गठन हुआ ।
उल्लेखनीय होगा कि दादरी विधानसभा के गठन से लेकर आज पर्यंत गुर्जर मतदाताओं के बाहुल्य के कारण इसे सर्व समाज प्रेम से गुर्जरों की राजधानी के रूप में संबोधित करता है। समय-समय पर और आज भी तमाम राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों ने गुर्जर समाज के नेताओं को प्रतिनिधित्व का अवसर देकर इस मान्यता को पुष्ट किया है ।
यही कारण रहा कि दादरी के अधिकांश विधायक गुर्जर समाज से चुने जाते रहे हैं ।जिनमें प्रमुख नाम शामिल है सादगी पुरुषार्थ की प्रतिमूर्ति स्वतंत्रता सेनानी गांधीवादी नेता रामचंद्र विकल नया गाँव , स्पष्टवादी जुझारू रहे तेज सिंह जी देवटा, सरलता विनम्रता ईमानदारी के मामले में विजयपाल भाटी बिसरख, और अंत में प्रमुख नाम शामिल है दादरी के नाथ प्रखर ओजस्वी वक्ता क्रांतिदर्शी अध्ययनशील विचारक दादरी विधानसभा को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने वाले सर्व समाज को साथ लेकर चलने वाले स्वर्गीय महेंद्र सिंह भाटी मकौडा।
आज यदि हम दादरी के किसी राजनेता में इन गुणों को खोजें तो देवयोग से राजकुमार भाटी लुहारली में इन सभी गुणों की झलकियां दिखाई देती है। जनसामान्य में एक कहावत प्रचलित है तुखम की तासीर और सोहबत का असर जरूर आता है अर्थात राजकुमार भाटी स्वर्गीय महेंद्र सिंह भाटी के राजनीतिक शिष्य सहयोगी रहे है।
दुर्भाग्य से पिछले कुछ दशकों से दादरी की जनता को वो प्रतिनिधि नही मिले जिसके वो हकदार थे। यही कारण है न केवल गुर्जर समाज बल्कि दादरी के सर्व समाज में प्रचंड रोष है ।
कमजोर विधायकों के चयन के कारण खामियाजा दादरी के गांव गरीब बुजुर्ग युवा चाहे स्वर्ण हो ,पिछड़ा हो ,दलित हो अल्पसंख्यक हो सभी ने उठाया है । दादरी विधानसभा के सूरजपुर दादरी जैसे कस्बे दर्जनों कालोनियां सैकड़ों गांव विकास के मामले में पिछले तीन दशकों से उपेक्षित व शोषित है ।
अब दादरी की जनता का विवेक जाग चुका है इस बार दादरी की जनता अपने लोकतांत्रिक राजकुमार सच्चे सेवक संघर्षशील जुझारू जननायक सच्चे समाजवादी सर्व समाज के प्यारे दुलारे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दादरी विधानसभा 62 प्रत्याशी अपने राजकुमार भाटी का 10 फरवरी 2022 को भारी मतों से कर दादरी के विकास के दरवाजे को खोल रही है।
आर्य सागर खारी
सही प्रतिनिधि होगा तो गांव गरीब को सामाजिक, आर्थिक न्याय मिलेगा। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के भेदभाव भ्रष्ट आचरण व पुलिसिया उत्पीड़न से सभी को मुक्ति मिलेगी। इतना ही नहीं विद्युत कंपनी के शोषण से दादरी के प्रत्येक उपभोक्ता को मुक्ति मिलेगी ।
प्रत्येक सर्व समाज के बेरोजगार युवक को स्थानीय उद्योगों में रोजगार मिलेगा । स्थानीय किसान परिवारों व उनके बच्चों को स्थानीय निजी शैक्षणिक संस्थानों व प्राइवेट अस्पतालों में चिकित्सा व शिक्षा मिलेगी और साथ ही साथ प्रदेश में श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बन रही समाजवादी सरकार की प्रत्येक जन हितकारी योजना का लाभ मिलेगा।
इसी के साथ-साथ विशेष तौर पर दादरी के बहुसंख्यक मतदाताओं का प्रतिशोध पूर्ण होगा अर्थात दादरी के रुष्ट गुर्जर समाज को सितंबर 2021 मैं घटित निंदनीय प्रकरण अर्थात अपने परम प्रतापी चक्रवर्ती गुर्जर सम्राट मिहिर भोज शिलापट पर गुर्जर शब्द पर कालिख पोतने वाले षड्यंत्रकर्ताओं इस दुष्कृत्य मे शामिल प्रत्येक व्यक्ति दल संस्थान को वोट की चोट के आधार पर सबक सिखाने की मानसिक आत्मिक संतुष्टि मिलेगी। गुर्जर समाज के बलिदानी इतिहास गौरव अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने वाले को भी सदियों तक के लिये सबक मिल जाएगा चाहे गुर्जर समाज के अंदरूनी जयचंद हो या बाहरी शक्तियां।
आर्य सागर खारी
निवेदक दादरी का एक जागरूक मतदाता
(लेखक सामाजिक एवं आरटीआई कार्यकर्ता है )