साम्प्रदायिक हत्याओं पर देशभर में चल रही बहस के बीच मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का एक बयान सामने आया है। दरअसल यह बयान न्यूज -18 के एक टीवी डिबेट शो के दौरान एंकर अमन चोपड़ा के सवाल पूछने पर उन्होंने दिया।
टीवी डिबेट के दौरान जब अमन चोपड़ा ने कथावाचक से पूछा कि मजहब तो बैर रखना नही सिखाता, लेकिन जो चीजें देश मे हो रही हैं चाहे वो अमरावती में हुई हत्या हो चाहे वो उदयपुर में , ये डराने वाली हैं इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी। इसके जवाब में कथावाचक देवकीनंदन ने कहा, मैं बिलकुल भी आपकी इस बात से सहमत नहीं हू कि ये भाई चारा है. हमारे तीन लोगों के सिर कलम कर दिए गये हैं और इसके बाद में भी हम सोच रहे हैं कि ये भाईचारा है।
देवकी नंदन ने डिबेट में आगे कहा, ये बिलकुल भी भाई चारा नहीं है, हम लोग सिर्फ चारे हैं जो खाए जाएंगे। और ऐसा तब तक होगा जब तक कि हम पूरी ईमानदारी से अपनी आवाज बुलंद नहीं करेंगे। संविधान ने सभी को धर्म का पालन करने काअधिकार दिया है जैसे इन्हें है वैसे ही हमे भी है। मैं आज रात को ही कनाडा से आया हूं वहां पर इस माहौल को लेकर मेरे शुभचिंतको का कहना है कि आप एक भी टीवी डिबेट में मत जाइएगा, आप बिलकुल भी मत बोलिएगा। कहीं मेरे मुंह से कुछ ऐसा न निकल जाए कि मुझे भी धमकी मिलने लगे
देवकीनंदन ठाकुर के अनुसार उनके करोडों समर्थक इसको लेकर चिंता मे है । उन्हें चिंता है कि कल को मेरी किसी बात से बुरा मानकर ये मेरे आगे भी सर कलम करने को कह देंगे ।
स्टेटस लगाने भर से सर कलम हो जाए तो कैसा भाईचारा
देवकी नंदन ने टीवी डिबेट में आगे कहा, कि यहां पर टीवी डिबेट के दौरान जो लोग बोल रहे हैं ना कि भाईचारा है पर अगर स्टेटस लगाने से सर कलम हो जाए और आप इसको भाई चारा कहेंगे ? ये भाई चारा है? अगर ईमानदारी से इन्हें भाईचारे में यकीन है तो ये ये जिस तरह ज्ञानवापी मस्जिद के मामले मे हाथों में पत्थर लेकर बाहर निकले थे वैसे ही उदयपुर में कन्हैया की जान लेने के बाद पूरे हिन्दुस्तान के मुसलमान भाइयों को सड़क पर आना चाहिए था ।
कौन है देवकीनंदन ठाकुर
मथुरा के रहने वाले देवकीनंदन ठाकुर मूल रूप से एक कथावाचक और एक आध्यात्मिक गुरु हैं। देश के अलावा विदेशों में भी उनकी बहुत ख्याति है वे श्रीकृष्ण की कथाओं का प्रवचन करते हैं।
देवकीनंदन ठाकुर का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा (भगवान कृष्ण के जन्मस्थान) के ओहवा गांव में जन्मे देवकीनंदन ठाकुर ने छह साल की उम्र में अपने घर को छोड़ दिया और श्रीधाम वृंदावन में रहने लगे। उन्होंने निंबार्क संप्रदाय के अनुयायी के रूप में गुरु-शिष्य परंपरा के तहत अपनी आध्यात्मिक शिक्षा दीक्षा ली।
नूपुर शर्मा के समर्थन में स्टेटस लगाने पर कई को मिल चुकी है धमकी
बताया जा रहा है कि कई जगह पर कथित तौर पर स्टेटस लगाने पर धमकी मिलने की शिकायतें सामने आई है। अभी तक 10 से ज्यादा लोग इस बाबत पुलिस को सूचना दे चुके है । हालांकि अभी 2 ही मामलों में पुलिस ने शिकायत दर्ज की है।