दुर्लभ कश्यप……उज्जैन का वो शेर जिसके नाम से आज भी आसपास क्षेत्र की धरती कांपती हैं। उसके नाम से आज भी एमपी के कई इलाकों में गैंग सक्रिय हैं।
आज हम आपको अपराध की दुनिया के ऐसे बादशाह के विषय में बताने जा रहे हैं जिसने महज़ 16 साल की उम्र में खुद का गैंग तैयार कर लिया था।
यह हैरतंगेज़ कारनामा करके दिखाने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि दुर्लभ कश्यप था। दुर्लभ का मन शुरु से ही अपराध की दुनिया की तरफ लालयित होने लगा था। वह शुरु से ही गैंग्स्टर बनना चाहता था। वह अपनी उम्र से बड़े लोगों के साथ उठता-बैठता था जिसकी वजह से उसे जुर्म की दुनिया की खास जानकारियां मिलने लगी थीं।
16 की उम्र में तैयार किया गैंग
धीरे-धीरे उसने अपना गैंग बनाना शुरु किया। इसके लिए दुर्लभ ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। उसने अपने फेसबुक अकाउंट से लोगों से रंगदारी, फिरौती आदि वसूलना शुरु कर दिया था। मध्य प्रदेश के कई युवाओं को दुर्लभ का यह स्टाइल काफी प्रभावित करने लगा था जिसकी वजह से कई युवा उसके साथ काम करने की इच्छा रखने लगे थे। ऐसे में दुर्लभ ने 16 साल की उम्र में अपना गैंग तैयार करने का फैसला किया था। उसके गैंग में उस वक्त 100 लोग थे।
दुर्लभ के लुक से प्रभावित थे युवा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, युवाओं के बीच दुर्लभ की लोकप्रियता का कारण था उसका स्टाइल। दरअसल, वह किसी बड़े गैंग्स्टर की तरह माथे पर लाल सुर्ख टीका, चेहरे पर हल्की दाड़ी, आंखों में सुरमा और कंधे पर सफेद अंगौछा रखकर चलता था।
उसका यह लुक एमपी के नवयुवकों का काफी प्रभावित करता था। यही वजह थी कि ज्यादातर युवा उसकी गैंग में शामिल होकर उसके साथ काम करना चाहते थे। लोग उसे लायन ऑफ उज्जैन कहकर बुलाते थे।
कहा जाता है कि 18 साल की उम्र तक दुर्लभ के नाम 9 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके थे, जिनमें उसे कई बार सज़ा भी सुनाई जा चुकी थी।
चाकूओं से गोद-गोदकर हुई हत्या
लेकिन वो कहते हैं न बुराई का अंजाम बुरा ही होता है। ठीक वैसे ही दुर्लभ का बढ़ता कद अपराध की दुनिया के अन्य बादशाहों को खटकने लगा था। उसकी दुश्मनी दिन-रात बढ़ती जा रही थी। ऐसे में शाहनवाज़ गैंग ने दुर्लभ को खत्म करने का प्लान बनाया था।
साल 2020 में दुर्लभ हेलावाड़ी स्थित अपने घर में कुछ दोस्तों के साथ मां के हाथ की बनाई दाल-बाटी चखने के लिए पहुंचा था। इस दौरान पहले से ही घात लगाए बैठे शहनवाज़ गैंग के भेड़ियों ने दुर्लभ पर हमला कर दिया। दोनों के बीच जबरदस्त गैंगवार हुई थी। इस सबमें दुर्लभ की चाकूओं से गोद-गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुर्लभ की मां इस सदमें को बर्दाश्त नहीं कर सकी थीं। उन्होंने ने भी बेटे के गम में सात महीने बाद दम तोड़ दिया था।
दुर्लभ की जिंदगी पर बनेगी फिल्म
गौरतलब है, अब दुर्लभ की इस कहानी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि इस फिल्म में पंजाबी फिल्मों के बेहतरीन एक्टर जय रंधावा दुर्लभ के किरदार में नज़र आएंगे।