Monday, February 3, 2025

हर नोट में छपी है इतिहास की एक अलग कहानी, क्या अपने किया गौर?

रोज़मर्रा की ज़िंदगी में जो चीज़ हम सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं, वह है करेंसी। हर काम के लिए ज़रूरी है पैसा। सब्जी खरीदने जाओ तो कम मूल्य वाले नोट, राशन लाने जाओ तो 2000 के नोट। लेकिन क्या आपने कभी नोटों पर छपे चित्रों को देखा है, और देखा है तो कभी जानने की कोशिश की है कि वे क्या हैं। 2000 की नोट पर मंगलयान का चित्र है, यह अधिकतर लोग बता देंगे। अरे भई! वह बड़ी नोट है, उस पर तो ध्यान जाना ही चाहिए। आइए जानते हैं उन नोटों पर छपे चित्रों का इतिहास से क्या रिश्ता है।

इन सभी नोटों के पीछे तरफ छपे चित्रों के साथ उन स्थलों के नाम भी नीचे लिखे हुए होते हैं। 2016 में नोटबन्दी के बाद से आरबीआई ने इन नोटों को छापना शुरू किया था। कुछ नोट 2018 में छपने शुरू हुए।

10 का नोट

इस नोट में कोणार्क के सूर्य मंदिर की तस्वीर छपी हुई है। यह ओडिशा के पुरी जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजा प्रथम नरसिंह देव ने करवाया था। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता दी है। पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को कोढ़ हो जाने पर उसने सूर्य भगवान की आराधना से खुद को स्वास्थ्य किया। साम्ब ने निश्चय किया कि वे सूर्यदेव की मंदिर बनाएंगे।

एक दिन चंद्रभागा नदी में स्नान करते हुए उन्हें विश्वकर्मा द्वारा निर्मित सूर्य देव की प्रतिमा मिली, जिसे उन्होंने अपने मित्रवन में बनवाए एक मंदिर में स्थापित किया। तब से यह पवित्र स्थान माना जाता है।

20 का नोट

इस भारतीय नोट में एलोरा की गुफाओं की तस्वीर छपी हुई है। एलोरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में चुना है। यह दुनिया के सबसे बड़े रॉक-कट हिंदू मंदिर गुफा परिसरों में से एक है, जिसमें 600-1000 ईस्वी की अवधि की कलाकृतियां हैं। गुफा क्रमांक 16 में दुनिया का सबसे बड़ा एकल अखंड रॉक उत्खनन, कैलाश मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक रथ के आकार का स्मारक है।

50 का नोट

50 रुपए के नोट में देखने पर आप पाएँगे कि उसमें हम्पी के मंदिर का फोटो छपा हुआ है। यह भी यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। 50 के नोट पर जो चित्र है वह हम्पी रथ का है।
यह भारत में पत्थर से निर्मित तीन प्रसिद्ध रथों में से एक है, अन्य दो रथ कोणार्क (ओडिशा) और महाबलीपुरम (तमिलनाडु) में हैं।
इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में विजयनगर के शासक राजा कृष्णदेवराय के आदेश पर हुआ था।

100 का नोट

100 के नोट पर गुजरात में स्थित सीढ़ीदार कुंआ ‘रानी की वाव’ का चित्र छापा गया है। यह भी यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में से एक है। रानी की वाव भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी है। कहते हैं कि रानी की वाव (बावड़ी) वर्ष 1063 में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की प्रेमिल स्‍मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था।

200 का नोट

200 के नोट पर सांची के बौद्ध स्तूप की तस्वीर छपी हुई है। सांची का स्तूप मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है। इसका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था। सांची स्तूप को देश की सबसे पुरानी शैल संरचना माना जाता है। इस संरचना को महान स्तूप कहा जाता है। स्तूप के चारों ओर बने सुंदर तोरण द्वार पर बनी खूबसूरत कलाकृतियों को भी भारत की प्राचीन और सर्वोत्तम कलाकृतियों में से एक माना जाता है।

500 का नोट

500 के नोट पर भारत की आन-बान-शान और आज़ादी के प्रतीक लाल किले की तस्वीर छपी है।
लाल क़िला, दिल्ली के ऐतिहासिक, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित है। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ है। किले को “लाल किला”, इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया जा चुका है।

2000 का नोट

2000 के नोट पर मंगलयान की तस्वीर छपी है। 24 सितंबर 2014 को अपने पहले ही प्रयास में इसरो ने मंगल ग्रह में मंगलयान भेजकर इतिहास रच दिया था। इस मिशन का नाम मार्श ऑर्बिटर मिशन (MOM) रखा गया था जिसके लिए इसरो को 450 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े।

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