एक ऐसा अविष्कार जो आग उगलता हो और पानी डालने पर भी न बुझे । हाई क्वालिटी मूवी को स्टोर करने में यूज होने वाला 2 से 3 जीबी डाटा महज 4 केबी में आ जाए तो कैसा रहेगा. बिना मौसम के बारिश किसानों के लिए कितनी लाभकारी साबित हो सकती है.
इस तरह की चीजें आज हमारे लिए सपना नहीं बल्कि हकीकत हो सकती थी. अगर ये अविष्कार लुप्त न हुए होते या छुपाये न गये होते. आज के इस खास लेख में आप दुनिया के ऐसे पांच अविष्कार के बारे में जानेंगे जो आज हमारे बीच होते तो हमारी लाइफ कुछ आसान हो सकती थी.
ग्रीक फायर ( GREEK FIRE )
मानव इतिहास रहस्यों से भरा है। अगर मानव इतिहास में थोडा पीछे जाया जाये तो हमें ऐसा प्रतीत होता है कि आज तक जितने भी बड़े बड़े अविष्कार किये गये है. वो केवल पिछले 100-150 साल में ही बने है. लेकिन अगर आप भी ऐसा ही सोचते है तो शायद आपको ग्रीक फायर के बारे में नहीं पता.दरअसल पुराने समय में ऐसे बड़े बड़े अविष्कार किये गये थे. जो पल भर में दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकते थे. इन्ही में से एक अविष्कार था ग्रीक फायर, जिसे प्राचीन रोमन सोल्जर्स जंग के दौरान इस्तेमाल किया करते थे.
ग्रीक फायर एक ऐसा वे- पन था. जो पल भर में बहुत ज्यादा मात्रा में आग उगलता था. इसके इस्तेमाल से रोमन सोल्जर्स दुश्मनों के जहाज में आग लगा दिया करते थे. लेकिन इस अविष्कार की खासियत यह थी कि इस पर पानी डालने पर भी आग नहीं भुझती थी. अब रोमन्स इसको बनाने में कौन सा पदार्थ इस्तेमाल किया करते थे. इस बारे में आज तक किसी को खबर नहीं लग पाई. क्योंकि इस को बनाने की टेक्निक केवल राजा के कुछ करीबी जानकारों तक सीमित थी. इसी वजह से जब रोमन सम्राज्य का अंत हुआ. तब इस अविष्कार को बनाने की विधि भी लुप्त हो गयी.
फ्लेक्सिबल ग्लास ( Flexible glass )
कांच एक ऐसा पदार्थ होता है, जो दिखने में जितना सुंदर होता है. वो उससे कही ज्यादा कमजोर भी होता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक ऐसा कांच भी बनाया गया था.जो पत्थर से भी ज्यादा मजबूत हुआ करता था. लोककथाओं के अनुसार इस कांच का अविष्कार आज से २ हजार वर्ष पूर्व हुआ था. उस के रोमन राजा टाईबेरिअस राजा के दरवार में एक आदमी आया जिसने राजा के सामने एक कांच का कटोरा पेश किया था. जिसे किसी भी तरह से तोडा नहीं जा सकता था.
जब राजा ने अपने कई लोगो से उस कांच के कटोरे को तुडवाने की कोशिश की तो वो किसी से भी नहीं टूटा बल्कि पूरी तरह से मुड़ गया. जिसके बाद उस आदमी ने अपने छोटे से हथोड़े से उसे वापस पहले वाली स्थिति में ला दिया. जब राजा ने उससे पूछा कि उसके अलावा इस टेक्निक को और कौन कौन जानता है. जिसपर उस आदमी ने बताया कि उसके अलावा दुनिया में कोई भी इस तरह का कांच नहीं बना सकता. हालांकि कहानी के अंत में बताया जाता है राजा ने उसके इतना कहते ही उसकी जिंदगी छीन ली.
स्लॉट डिजिटल कोडिंग सिस्टम ( SLOOT DIGITAL CODING SYSTEM)
आज के समय में लोग अपने गैजेट्स में मिले स्टोरेज को लेकर परेशान रहते हैं. क्योंकि एक समय बाद हमारे पास इतना डाटा हो जाता है कि उसे इंस्टॉल करने के लिए हमें अलग से डाटा स्टोर करने के लिए डिवाइस खरीदनी पड़ती है. लेकिन आज से लगभग पच्चीस साल पहले इस समस्या का सोलुशन खोज लिया गया था. उस समय एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा एक ऐसी टेक्निक को खोज लिया गया था. जिससे 4 जीबी स्टोरेज वाले फोन में 128 जीबी के बराबर का डाटा स्टोर किया जा सकता था.
यह भी पढ़े :- दुनियां की टॉप 5 कंपनियों के भारतीय CEO जिन्होंने अपना लोहा दुनियां में मनवाया
इस टेक्नोलॉजी का अविष्कार करने वाले शख्स का नाम था जन सलूट. जिन्होंने मात्र 64 केबी की हार्ड ड्राइव में 8 फुल एच डी फिल्मों को न सिर्फ स्टोर किया बल्कि फिलिप्स कम्पनी के सामने इसे आठों फिल्मों को चला कर भी दिखाया. लेकिन जब सलूट इस टेक्नोलॉजी को मार्किट में पेश करने वाले थे. उससे पहले रहस्मयी कारणों से उनकी मौत 11 जुलाई सन 1999 को हो गयी. जिसके बाद वो ड्राइव कहाँ गयी. ये बात कोई नहीं जान सका.
क्लाउडबस्टर ( CLOUDBUSTER )
1951 के समय में विलहेम रिच ने ऐसा यंत्र बनाकर तैयार किया था. जिसकी मदद से किसानों की फसल के लिए बिना मौसम बारिश करवाई जा सकती थी. उनके मुताबिक उन्होंने वायुमंडल में एक ऐसी एनर्जी को खोज निकाला था. जिसे उन्होंने ऑर्गन का नाम दिया था.
वो अपने यंत्र की मदद से उस एनर्जी को मेन्युपुलेट करके किसी भी समय बारिश करवा सकते थे. लेकिन जब 1953 में उन्होंने पहली बार इस यंत्र का इस्तेमाल किया था. जो सफल भी रहा. लेकिन इसके बाद उनके सारे अविष्कारों को गैर क़ानूनी बताकर नष्ट कर दिया गया. इसके साथ ही उन्हें जेल में डाल दिया गया. जहाँ कुछ साल बाद उनका निधन हो गया . और उनके यंत्र का उनके बाद क्या हुआ ये किसी को नहीं पता.
डे#थ रे ( DE#ATH RAY )
अमेरिका के महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने एक ऐसा अविष्कार किया था. जिसकी मदद से आसमान में उड़ रहे प्लेन्स को पल भर में निशाना बनाया जा सकता था. दरअसल ये यंत्र इलेक्ट्रो मेग्नेट एनर्जी के इस्तेमाल से मीलो दूर तक प्रभाव छोड़ सकता था. लेकिन फंडिग न मिल पाने की वजह से वो इस अविष्कार को कभी भी पूरा नहीं कर सकें.
यह भी पढ़े :-भारत के 5 अविष्कार जिन्होंने दुनियां पर प्रभाव छोड़ा या दुनिया बदल दी