फिल्म द कश्मीर फाइल्स को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं, सभी वाकिफ है फिल्म क्या है और क्या उसका उद्देश्य है. फिर भी आपको बता दें की सन्न 1990 में कश्मीरी पंडितो के पलायन पर आधारित यह फिल्म भारत में ताज यानि कश्मीर में हुए नरसंहार को दर्शाती है. फिल्म आपकी आँखों में निश्चित ही आंसू ला देगी. फिल्म एक कश्मीरी पंडित “कृष्णा पंडित” की नज़रो से वह के हालातों को दिखती है. अनुपम खेर, मिथुन चक्रबोर्ती, जैसे दिग्गज कलाकारों ने इसमें काम किया है.
सिर्फ कश्मीर फाइल्स नहीं, इस से पहले कई फ़िल्में आ चुकीं है जिनमे इतिहास में हुए कुछ चयनित मुद्दों को दुनिया के सामने लाने की कोशिश की है. तो कुछ फिल्में ऐसी भी है जो भारत में हो रही राजनैतिक कूटनीति को दर्शाया है, या दर्शाने की कोशिश की है. आइये जानते इन फिल्मों के बारे में…
शिकारा
फिल्म द कश्मीर फाइल्स से पहले निर्देशक विनोद चोपड़ा ने कश्मीरी पंडित के पलायन की सचाई से दुनिया को रूबरू करवाने की कोशिश की थी, मांगा किसी कारन फिल्म अधूरी सच्चाई ही दुनिया के सामने ला पायी. फिल्म को लोगो की आलोचना सहनी पड़ी और न तो बॉक्स ऑफिस पर चल सकी न ही सच के कंधे से कंधा मिला पायी.
आंधी
अती प्रसिद्ध निर्देशक व लेखक की फिल्म आंधी एक राजनेता की बेटी और होटल के मैनेजर के बीच से शुरू होकर देश में राजनीती की सच्चाई से रूबरू करवाती है. यह फिल्म 1975 में बनायीं गयी और उस समय इंदिरा गाँधी द्वारा देश भर में इमर्जेन्सी लागु थी. फिल्म के लिए उन दिनों दिल्ली के एक अख़बार में छापा गया था की “आजाद भारत की एक महान महिला नेता की कहानी”, तब यह अफवाह फैली थी की फिल्म पूर्व महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी पर आधारित है, काफी रोक टोक और जद्दोजहद के बाद फिल्म को रिलीज़ किया गया था. फिल्म में मुख्य किरदार सुचित्रा सेना का किरदार लगभग इंदिरा गाँधी जैसा ही बवाल बढ़ता ही चला गया था. 1977 में जब कांग्रेस के बाद जनता पार्टी का राज आया तब फिल्म को रिलीज़ किया गया और लोकप्रियता भी मिली.
किस्सा कुर्सी का
राजनीती पर करारा वार करते हुए अमृत नाहटा ने “किस्सा कुर्सी का” फिल्म बनायीं थी. फिल्म में सीधा सीधे यह दर्शाया गया है की राजनीती में रास्ते मायने नहीं रखते, मायने रखती है तो सिर्फ मंज़िल. फिल्म की की इसे निर्देश करने वाले अमृत नाहटा खुद पोलिटिकल राजनेता थे, जो इमर्जेंसी के दौरान अपनी ही पार्टी के विरोध में खड़े हुए थे. मन यह फिल्म इंदिरा गाँधी और उनके भाई संजय गाँधी के जीवन पर आधारित है. फिल्म में राज बब्बर मुख्य अभिनेता थे, वृजद्ध कारण फिल्म को रिलीज़ नहीं किया गया था.
सरदार
केतन मेहता की फिल्म “सरदार” भारत के महँ स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी पर आधारित है. फिल्म सरदार वलभभाई पटेल की भूमिका पर केंद्रित है. फिल्म में आज़ादी के संघर्ष को दिखते दिखते भारत के राजनेताओ की निति और कूटनीति को भी दर्शाती है.