कहा जाता है म्यूजिक वह भाषा है जो पूरी दुनिया को समझ आती है. यही बड़ी वजह है कि हमारे भारतीय हिंदी संगीत को पूरी दुनिया के लोग पसंद करते हैं. आज हम आपको भारत के ऐसे राइजिंग स्टार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने बहुत छोटे लेवल से म्यूजिक की स्टार्टिंग की थी और आज युवाओं की धड़कन पर राज करते हैं.
हम बात कर रहे हैं भारत के उभरते राइजिंग स्टार जुबिन नौटियाल के बारे में. लेकिन बहुत लोगों को नहीं पता कि उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में कितनी मेहनत और स्ट्रगल करना पड़ा. आज के इस खास लेख में हम जुबिन नौटियाल की म्यूजिक जर्नी के बारे में बात करेंगे.
उत्तराखंड के देहरादून निवासी है जुबिन नौटियाल
उत्तराखंड के देहरादून शहर में जुबिन नौटियाल का जन्म सन 1989 में हुआ था. हालांकि उनके पिता रामशरण नौटियाल और माता नीना नौटियाल एक बिजनेसमैन है. जिस कारण उन्हें कभी फाइनेंसियल स्ट्रगल का मुंह नहीं देखना पड़ा. जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल एक सौ किया सिंगर थे. जिसका असर जुबिन नौटियाल पर पड़ा और कहा जाता है कि उन्हीं की वजह से जुबिन नौटियाल के अंदर बचपन से ही सिंगिंग क्रेज आया. अब आप उनकी सिंगिंग के प्रति लग्न का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जुबिन महज 4 साल की उम्र से ही सिंगिंग कर रहे हैं.
बचपन में ही पहचान लिया था अपना टैलेंट
बहुत से लोग जिंदगी के कई साल गुजर जाने के बाद भी अपने पैशन को नहीं पहचान पाते जबकि जुबिन उन लोगों में से नहीं थे. जुबिन नौटियाल ने बचपन में ही अपने टैलेंट को भांप लिया था और उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें बड़े होकर एक सक्सेसफुल प्लेबैक सिंगर बनना है.
उन्होंने अपनी आठवीं तक की पढाई सेंट जोसेफ एकेडमी से करने के बाद देहरादून के ही वेल्हम बॉयज स्कूल में एडमिशन ले लिया. क्योंकि उस स्कूल में क्लासिकल संगीत सिखाया जाता था. इस स्कूल में पढ़ते हुए जुबिन नौटियाल ने गिटार, पियानो, हारमोनियम और ड्रम जैसे म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट को अच्छे से सिख लिया.
चैरिटी के लिए करते थे सिंगिंग
शुरुआत के दिनों में जुबिन नौटियाल ने स्कूलों में जाकर लाइव पर्फोर्मंस देना शुरू कार दिया. इसके साथ ही जुबिन कई बार चैरिटी के लिए भी सिंगिंग करते. इस बात से पता लगता है कि जुबिन के दिल में भी गरीब के लिए बहुत जगह है. इसी तरह उन्होंने अपनी जिन्दगी को उच्चाईयों तक पहुंचाया है.
ए आर रहमान ने दी सही सलाह
वैसे तो जुबिन नौटियाल लाइव सिंगिंग करते करते अपने शहर देहरादून में काफी फेमस हो गये थे. लेकिन उन्हें ये बात अच्छे से पता थी कि अगर उन्हें अपनी आवाज पुरे भारत के लोगों तक पहुंचानी है तो उन्हें कैसे भी करके बॉलीवुड में अपनी जगह बनानी होगी.
अपने इसी उद्देश्य से उन्होंने मुंबई के मीठीबाई कॉलेज में एडमिशन ले लिया. लेकिन वहां पढाई के साथ साथ जुबिन अपना गिटार कंधो पर लटकाए. म्यूजिक प्रोड्यूसर्स से मिलने उनके ऑफिस में चक्कर लगाने लगे. लेकिन सपनों के शहर मुंबई में इतनी आसानी से सफलता मिलाना बहुत मुश्किल होता है.
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हालाँकि एक दिन अचानक जुबिन की मुलाकत बॉलीवुड के जाने माने गायक और म्यूजिक प्रोड्यूसर ए आर रहमान से हो गयी. हालाँकि उनकी मुलाक़ात उनसे महज 5 मिनट ही हो पाई थी. लेकिन जुबिन की आवाज सुनकर उन्होंने जुबिन को सलाह देते हुए कहा कि अभी तुम्हे इंडस्ट्री में काम ढूढने की बजाए. अपनी आवाज को बेहतर बनाने पर काम करना चाहिए.
जिसके बाद जुबिन ने उनकी बात मानते हुए देहरादून वापस चले गये. जिसके बाद उन्होंने अलग अलग जगह जाकर 4 साल तक म्यूजिक के महा गुरुओं से संगीत की कोचिंग लेना शुरू कर दिया.
अक्षय कुमार ने स्क्रेच सुनकर जुबिन को करवाया था साइन
जुबिन नौटियाल ने 4 साल तक संगीत सीखने के बाद एक बार फिर से मुंबई की तरफ रुख किया. जहां से शुरू हुयी उनकी असल म्यूजिक जर्नी. दरअसल शुरआत में जुबिन ने कई गानों के स्क्रेच गाकर प्लेबैक सिंगर बनने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी. लेकिन कहते है कि अगर किसी चीज को सच्चे दिल से चाहो तो खुदा भी उसे तुमसे मिला ही देता है.
एक बार जब जुबिन ने अक्षय कुमार की फिल्म the shaukins के फेमस गाने मेहरबानी का स्क्रेच गाया. तब वो किस्मत से अक्षय कुमार के हाथ लग गया और उस समय अक्षय कुमार को जुबिन की आवाज में वो गाना इतना अच्छा लगा की उन्होंने पर्सनली फिल्म प्रोड्यूसर को कहा कि फिल्म में उन्हें ये गाना जुबिन की आवाज में ही चाहिए. यही से जुबिन के अच्छे दिनों की शुरुआत हो गयी.
हालाँकि इस गाने से पहले उनका सोनाली केबल का थीम सोंग मुलाकात रिलीज हो गया. इसलिए ‘मुलाक़ात’ को ही जुबिन का पहला गाना माना जाता है. हाल ही में जुबिन का नया गाना बरसात के दिन आये रिलीज हुआ है. जिसे के हफ्ते के अंदर ही 60मिलियन से ज्यादा लोगों ने सुना है.
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