बात अगर चाय कि हो तो भारत के लोग एक दिन मे 7 से 8 बार चाय पी जाते है, सुबह उठते ही चाय, दोपहर होते हि चाय, किसी टेंशन मे हैं तो चाय. भारत को न सिर्फ चाय के दुसरे सबसे बड़े उत्पादक के नाम से जाना जाता है, बल्की सबसे ज़्यादा चाय पीने वाला देश भी कहा जाता है. MBA चाय वाले को सभी जानते है, इसके अलावा भी ऐसे कई स्टार्टअप है जिन्होने चाय के दम पर नाम बनाया.
आइये जानते है इनके बारे मे..
MBA चाय वाला
यह प्रफुल बिलोर द्वारा 2017 मे शुरु किया गया था, इन्होने इसके लिये किसी से फडिंग नही ली, जितने फंड की ज़रूरत थी..उन्होने स्वयं ही किया. इसका संचालन अहमदाबाद, भोपाल और चंडीगढ़ से किया जाता है.MBA चाय वाले की शुरुआत सड़क के किनारे एक चाय का ठेला लगाकर हुइ थी. शुरुआती निवेश के तौर पर प्रफुल ने अपने पिता से 8000 लिये थे.
चाय प्वाइंट
अमूलिक सिंह बिजराली द्वारा 2010 में शुरू किया गया था. इसमे एट रोड वेंचर्स, डीएसजी कैपिटल, सामा कैपिटल, पैरागॉन पार्टनर्स द्वारा निवेश किया गया था. 34 मिलियन की फंडिग की गइ थी. चाय प्वाइंट को भारत का पहला स्टार्टअप माना जाता है.
चाय प्वाइंट का वित्त 2018 मे 88 करोड़ से 2020 मे 190 करोड़ बढ़ गया.
चायोस
नितिन सलूजा ने 2012 मे चायोस कि नींव रखी. टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, सैफ पार्टनर्स, इनोवेन कैपिटल, थिंक इन्वेस्टमेंट्स के साथ 41.5 मिलियन का निवेश लगा था. 80,000+ से अधिक कस्टमाइज़ेशन वाली चाय पेश करने वाला यह स्टार्टअप दो IIT के छात्र नितिन सलूजा और राघव वर्मा ने शुरू किया था.
इनके मेन्यु सिर्फ चाय ही नही और भी खान पान की चीज़े भी शामिल है.
चाय सुट्टा बार
अनुभव दूबे ने 22 की उम्र मे यह स्टार्टअप 3 लाख के निवेश और अपने पिता जो एक एस्टेट व्यवसायी है, और अपने मित्र आनंद नायक के साथ शुरू किया था.
31 मार्च 2020 को चाय सुट्टा बार का रिर्टन रेंज 1 करोड़ से 100 करोड़ के बीच रहा था.
टीबॉक्स
कुशल दुगर द्वारा स्थापित किया गया और रतन टाटा, रॉर्बट एम बास, कैमरून जोन्स द्वारा 10 मिलियन डॉलर की फंडिग के साथ 2012 मे शुरू किया गया था. टीबॉक्स एक सिलीगुड़ी स्थित स्टार्टअप है, जो अपने इनोवेशन के चलते 50 बिलियन डॉलर उद्योग को बाधित किया है. अब तक 120 से ज़्यादा देशों मे अपना कारोबार बिछा चुकी है.