पिछले कुछ दिनों से देश में आतंकी साजिशें बढ़ गई हैं। इनको रोकने के लिए सेना के जवान और खूफिया एजेंसीज़ दिन-रात मेहनत कर रही हैं। इसके बावजूद ये आतंकी संगठन भारते के कई हिस्सों में सक्रिय हैं। हाल ही में जम्मू और कश्मीर की पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के दो आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। इसी के साथ पुलिस ने 3 हाइब्रिड आतंकवादियों समेत 11 अन्य को भी गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने असलाह, गोला-बारुद और कई विदेशी हथियार बरामद किए हैं।
बता दें, पिछले कुछ महीनों से कश्मीर में ये हाइब्रिड आतंकी एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। सेना के जवान इनका भंडाफोड़ करने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि ये हाइब्रिड आतंकी कौन होते हैं और ये कैसे काम करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, हाइब्रिड आतंकी वो आतंकी होते हैं जिनका पुलिस के पास कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है। यानी की ये शुरुआत से कोई अपराधी नहीं होते हैं।
बता दें, जैश-ए-मुहम्मद जैसे तमाम आतंकी संगठन भारत में अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए ऐसे नौजवानों से संपर्क करते हैं जिनका आसानी से ब्रेनवॉश किया जा सकता है। ये आतंकी संगठन सबसे पहले इन लोगों का ब्रेनवॉश करते हैं, इन्हें पूरी तरह से कट्टरवाद की तरफ धकेलते हैं। उसके बाद इनके हाथ में हथियार थमा देते हैं।
यह काम पूरी तरह से गोपनीय होता है। समय के साथ ये नॉर्मल जिंदगी जीने वाला शख्स कब आतंकी बन जाता है किसी को नहीं पता चलता। कुछ समय बाद जब इनके आकाओं का आदेश आता है तब ये हाइब्रिड आतंकवादी आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
गौरतलब है, आतंकी घटना को अंजाम देने के बाद ये नॉर्मल लाइफ में वापिस लौट जाते हैं। पुलिस भी कई बार इनका ट्रैक रिकॉर्ड ना होने की वजह से इन्हें पकड़ने में नाकाम होती है। इस तरह से ये बच जाते हैं।