Monday, October 14, 2024

कॉलेज से निकलकर जुर्म की दुनिया में कदम रखने वाला बबलू कैसे बन गया ‘किडनैपिंग किंग’?

‘सपनों का शहर….देश की आर्थिक राजधानी….मायानगरी….’ना जाने कितने ही नामों से मशहूर मुंबई का अलग ही इतिहास रहा है। इस शहर की आवोहवा में जीने वाला हर एक शख्स कुछ ना कुछ कर गुजरने की क्षमता रखता है। यही वजह है कि यहां के लोग या यूं कहें कि यहां आने वाले लोग कभी खाली हाथ नहीं लौटते।

कुछ इस चकाचौंध भरी दुनिया में अपनी सच्चाई भूलकर जुर्म का रास्ता अपना लेते हैं तो कुछ संघर्ष करके अपना नाम बनाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स के विषय में बताने जा रहे हैं जिसने कॉलेज की दुनिया से निकलकर जुर्म की चादर को ओढ़ लिया और बन गया किडनैपिंग किंग।

मुंबई और अंडरवर्ल्ड का पुराना नाता

इस बात से तो आप वाकिफ ही हैं कि मायानगरी (मुंबई) और अंडरवर्ल्ड का पुराना नाता रहा है। इस शहर में अपराध का बहुत पुराना इतिहास रहा है। यहां कई ऐसे अपराधी हुए हैं जिन्होंने बाहर से आकर जुर्म की दुनिया में कदम रखा और बेतहाज बादशाह बन गए।

माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव

ऐसा ही एक शख्स है बबलू श्रीवास्तव…..पता…सेंट्रल जेल…बरेली….काम….डकैती, मर्डर, फिरौती आदि…। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्म लेने वाला बबलू कब ओमप्रकाश श्रीवास्तव से माफिया डॉन बबलू बन गया किसी को पता ही नहीं चला।

पढ़ाई में था तेज़

बचपन से पढ़ाई में तेज़ बबलू ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने शहर में ही पूरी की। पिता शिक्षक थे जबकि बड़े भाई फौज में तो लाज़मी है कि घर में उसूलों और परंपराओं का पालन होता था। 80 के दशक में इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के बाद बबलू ने यूपी की राजधानी लखनऊ की तरफ रुख किया।

मामूली चाकूबाज़ी में गया जेल

लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएएलएलबी की डिग्री हांसिल करने के लिए बबलू ने यहां एडमिशन लिया लेकिन उसे यह नहीं पता था कि यह उसकी सबसे बड़ी भूल थी। यह दौर वह था जब पुलिसिया तंत्र उतना मजबूत नहीं था, इस दौरान अपराधियों के हौंसले बुलंद थे। तभी छात्रसंघ के चुनावों में हुई चाकूबाजी की घटना ने बबलू की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। इस घटना में शहर के दबंग अरुण शंकर शुक्ला ‘अन्ना’ ने बबलू को झूठे केस में जेल भिजवा दिया। बाद में जब वह जमानत पर बाहर आया तब एक बार फिर दबंग अन्ना ने वाहन चोरी के केस में उसे अंदर करवा दिया।

अन्ना के दुश्मनों से मिलाया हाथ

इस घटना ने बबलू की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। उसे समझ आ गया था कि यह दुनिया उस जैसे सीधे इंसान के लिए नहीं बनी है। जमानत पर एक बार फिर छूटने के बाद बबलू ने अन्ना के जानी दुश्मन माने जाने वाले रामगोपाल मिश्रा से हाथ मिला लिया। इनके गैंग को ज्वाइन करने के बाद बबलू की पकड़ प्रदेश के बाहर के अपराधियों से भी हो गई। ऐसे में बबलू ने अपहरण, लूट-पाट, चोर, डकैती आदि को अपना मुख्य धंधा बनाया। कुछ ही दिनों में उस पर फिरौती और अपहरण के कई मुकदमे दर्ज हो गए।

जुर्म की दुनिया का बेतहाज बादशाह

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1984 तक यूपी, महाराष्ट्र, बिहार सहित कई राज्यों में बबलू के विरुद्ध अपहरण, फिरौती, वसूली और हत्या के मामले दर्ज हो चुके थे। देखते ही देखते साधारण सा दिखने वाला बबलू खूंखार गैंगस्टर में तब्दील हो चुका था। उसे किडनैपिंग किंग के नाम से पहचाना जाने लगा था। पुलिस भी उसके अपराधों और उनको अंजाम देने के तरीकों से हैरान थी।

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से हुई मुलाकात

खबरों के अनुसार, जुर्म की दुनिया में बबलू इस हद तक जा चुका था कि वह अपना घर बार सब भूल गया था। साल 1989 में वह नेपाल चला गया यहां दो सालों तक रहकर उसने नेपाल के डॉन दिलशाद बेग के लिए काम किया। 1992 में वह दुबई पहुंच गया, यहां उसकी मुलाकात अंडरवर्ल्ड के डॉन दाऊद इब्राहिम से हुई। माना जाता है कि दाऊद और बबलू के बीच सूत्रधार का काम दिलशाद बेग ने ही किया था। यहीं से दोनों की जोड़ी ने मुंबई बम धमाकों की घटना को अंजाम दिया और लाखों की संख्या में नरसंहार किया।

एडिशनल कमिश्नर की हत्या में गया जेल

अब तक बबलू का नाम हर एक अखबार और टीवी चैनल की हेडलाइन बन चुका था। हालांकि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए पूरी तरह से गायब हो गया। बाद में उसका नाम पुणे के एडिशनल कमिश्नर एलडी अरोड़ा की हत्या में सामने आया। इस हत्या में उसे उसके करीबी सैनी और मंगेश उर्फ मंगे को भी पुलिस ने साल 1999 में मॉरिशश से पकड़ा था।

आजीवन कारावास की हुई सज़ा

इस मामले में अदालत ने बबलू और उसके साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और कड़ी सुरक्षा में बरेली की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया।

जेल में रहकर लिखी किताब

जानकारी के मुताबिक, बबलू पर 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, कई मामलों में उसे सजा भी सुनाई जा चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बबलू ने जेल में ही रहते हुए ‘अधूरा ख्वाब’ नामक एक किताब की रचना भी की है। हालांकि, अभी वह कई सारी बीमारियों से ग्रसित है। यही वजह है कि हाल ही में उसे कड़ी सुरक्षा में जिला अस्पताल चेकअप के लिए ले जाया गया था। डॉक्टर्स ने बताया कि यहां बबलू की आंख, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ का चेकअप कराया गया।

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