Thursday, May 25, 2023

कुलधरा…भूतों का गढ़ या सिर्फ भ्रम

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भारत जहाँ अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है वहीं कहानियों के लिए भी जाना जाता हैं, लोक कथाएं, पौराणिक कथाएं, नानी की कहानियाँ और भी कई, इनमे से कुछ झूँठीं होती कुछ सच्ची, कुछ बुनीं गयीं तो कुछ आँखों देखि, तो कुछ शोध के बाद निकाली गयीं भी होती है.

ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के ‘कुलधरा’ की है जहाँ का हाल है तो सच है,मगर सालों से वहां कोई आता जाता नहीं, आप कहानियो में दिलचस्पी रखते हैं तो इतना तो जानते होंगे कि कुलधरा का नाम भूतिया जगहों में आता है, इसके पीछे कहानियां भी कई है, कोनसी कहानी सच, है कोनसी झूठ, वहां भूत या भूतो से जुड़ी सच्चाई है भी या नहीं, इन सब सवालों और जवाबों ने वहां आज तक कुलधरा की धरा पर शहर या गावँ बसने नहीं दिया।

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क्या है कुलधरा

कुलधरा जो कभी पालीवाल ब्राह्मणो के लिए जाना जाता था, आज वह भूतिया जगह की सूची में आता है, ऐसा माना जाता है कि कुलधरा के निवासीयों ने एक अत्यधिक शक्तिशाली मंत्री से पीछा छुड़वाने के लिए रातों रात गाँव खाली कर दिया था, और आज तक गाँव वालो का कुछ नहीं पता चला, वे कहाँ गए कहाँ नहीं इस बात की किसी को कोई खबर नहीं.

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क्या है लोगो का मानना

कुलधरा राजस्थान के जैसलमेर से 18 किलोमीटर की दूरी पर है, वहाँ की धारणा है की गाँव वालो के जाने के बाद कुलधरा पर भूतों का राज है.

सुमा राम

जैसलमेर के शक्तिशाली मंत्री सलीम सिंह कुलधरा की एक लड़की को बेहद पसंद करते थे, गाँव वालों ने अपनी इज़्ज़त और शान बचाने के लिए रातों रात गाँव खाली कर दिया, सुमा राम जो गाँव के प्रवेश द्वार के नज़दीक रहता है उनके अनुसार वे कहाँ गए कहाँ नहीं इसका आज तक कुछ पता नहीं लग पाया.

लोक साहित्य की मानें तो वहां के रहने वालों ने कुलधरा को श्राप दिया जिस से वहां आज तक कोई शहर नहीं बस सका.

हालांकि सुमा राम इन सभी कहानियो को नकारते है, और कहते है कि इतने समय से वे वहां रहते आये हैं और आज तक उन्हें कभी ऐसा आभास नहीं हुआ कि वहां भूत जैसा कुछ है, न ही कोई भूतिया हरकत उनके सामने हुई.

क्या है कुलधरा का हाल

कुलधरा की ईमारतें भले से ध्वस्त है, ज़मीन भले से बंजर है किन्तु भूत जैसा वहां कुछ भी नहीं है ऐसा सुमा राम का मान ना है, इसके अलावा वहां एक होटल में देख रेख करने वाला आदमी और उसके बेटे का भी यही कहना है, कि वे वहां एक दिन और एक रात रुके मगर वहां उन्हें कुछ भी डरावना या भूतिया नहीं लगा. उनका मान ना है की ब्रह्म और अफवाहों के चलते यहाँ कोई रहने नहीं आता, दूर दूर तक कोई नहीं रहता इसलिए लोग अफवाहों को सच मान लेते है.

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