Friday, March 14, 2025

बनारस के इन दो भाईयों को लता मंगेशकर मानती थीं अपना बेटा, भेजती थीं तोहफे

स्वर कोकिला लता मंगेशकर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके गाए गीत हमें उनकी कमी कभी महसूस नहीं होने देते हैं। उनकी मधुर आवाज़ हर किसी को मोहित कर लेती है, यही कारण है जिस किसी ने भी उनका गीत सुना वह उनका दीवाना हो गया। किसी ने लता मंगेशकर ने मां देखी, तो किसी ने उनमें बहन। हर किसी का गायिका से अनोखा संबंध रहा।

आज हम आपको उन दो भाईयों के विषय में बताने जा रहे हैं जिनको लता दीदी अपना बेटा मानती थीं और उनके द्वारा लाई हुई साड़ियां ही पहनती थीं।

इन सौभाग्यशील भाईयों का नाम अरमान और रिजवान है। ये बनारस के रहने वाले हैं। पेशे से ये साड़ी का व्यापार करते हैं।

लता मंगेशकर के पीए से हुई मुलाकात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरमान और रिजवान की मुलाकात स्वर कोकिला के व्यक्तिगत सहायक महेश राठौर से साल 2015 में हुआ था। इस दौरान लता के भाई हृदय मंगेशकर अपने परिवार के साथ काशी यात्रा के लिए वहां पहुंचे थे। तभी परिवार के लोगों ने बनारसी साड़ियों की खरीददारी का मन बनाया। इसपर महेश उन्हें अरमान और रिजवान की दुकान पर ले गए।

अरमान बताते हैं कि उस वक्त उनकी पहली बार लता जी से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने साड़ियां लेकर मुंबई आने के लिए कहा।

अरमान पहुंचे मुंबई

ठीक 1 महीने बाद वे लता दीदी के घर प्रभुकुंज अपार्टमेंट पहुंच गए। यहां अरमान ने उन्हें साड़ियां दिखाईं, जिसमें से लता जी को काफी सारी पसंद भी आईं। इस दौरान अरमान को लता जी का बात करने का तरीके, उनके स्वभाव में एक मां की झलक दिखी इसलिए उन्होंने भावविभोर होकर उन्हें मां बोल दिया। जिसके बाद दोनों के बीच मां-बेटे का ही रिश्ता बन गया।

अब जब भी अरमान और रिजवान के घर कोई कार्यक्रम होता लता मंगेशकर उनके लिए तोहफे भेजतीं। इसके अलावा जब भी दोनों भाई मुंबई जाते वे लता जी का आशीर्वाद लेने जरुर पहुंचते।

फोन पर होती थी बात

एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में अरमान ने बताया था कि उनकी और उनके परिवार की हफ्ते में एक-दो बार बात हो जाया करती थी। आखिरी बार उनकी बात नए साल के अवसर पर हुई थी। उन्होंने बताया कि फोन पर मां बोलीं कि तबियत ठीक नहीं है, कमजोरी सी लगती है।

इसके बाद 20 जनवरी को अरमान ने काशी विश्वनाथ धाम में हृदया मंगेशकर उर्फ लता मंगेशकर के नाम से बाबा का अभिषेक भी करवाया था।

गायिका के निधन की खबर से छाई शोक की लहर

गौरतलब है, जब से लता मंगेशकर अस्पताल में भर्ती हुई थीं तब से उनका परिवार लगातार उनकी अच्छे स्वास्थ्य की मंगलकामना कर रहा था। हालांकि, रविवार सुबह उन्हें खबर प्राप्त हुई कि स्वर कोकिला नहीं रहीं वे टूट से गए। उन्होंने लता मंगेशकर के पीए महेश राठौर से फोन पर बात की। उन्होंने अरमान को बताया कि कोविड प्रोटोकॉल की वजह से बहुत कम लोगों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा शाम 5 बजे के आस-पास उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया जाएगा। इसलिए यहां आना बेकार है।

मालूम हो, अरमान और उनका परिवार लता मंगेशकर के निधन से काफी टूट गया है। वे खुदा से अपनी मुंह बोली मां की आत्मा की शांति के लिए दुआ कर रहे हैं।

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