तानाशाही की जब चर्चा की जाती है तो आम तौर पर लोगों के मन में तनाशाही का मतलब सिर्फ जनता को अपने ढंग से चलाना मात्र है. लेकिन इतिहास के इन 5 तानाशाहों ने अपनी जनता के साथ जो किया उसे सुनकर तो किसी के भी होश उड़ सकते है.
तानाशाही के जोश में जनता को पैरों तले कुचल कर जीवन छीन लेना तो इनके लिए चींटियों को मारने जैसा काम हुआ करता था. यही नहीं मशहूर तानाशाह हिटलर ने जनता के लिए ये तक कह दिया था की ‘जनता को इतना तंग करों की वो जिन्दा रहना ही अपनी आजादी समझे….
सबसे क्रूर तानाशाह हिटलर
जब इतिहास के सबसे क्रुर तानाशाह की बात की जाती है. तो सबसे पहले जिस क्रूर शासक हिटलर नाम हर किसी के दिमाग को पिंच कर जाता है. 1930 के दशक तानाशाह एडॉल्फ हिटलर को मानव इतिहास का सबसे क्रूर तानाशाह माना जाता है.
हिटलर की विदेश नीतियों के चलते द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई थी, जिसके चलते लगभग सात करोड़ लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी. उसकी क्रूरता का सफर यही नहीं थमा इसके आगे उसने 1.1 करोड़ लोगों की नस्लीय आधार पर व्यवस्थित तरीके से जान ले ली थी. 1945 में हिटलर ने गिरफ्तार होने से पहले खुद को ही गोली मार कर खुदखुशी कर ली थी.
जोसेफ स्टालिन (1878-1953)
जोसेफ स्टालिन साल 1924 में लेनिन की मौत के बाद रूस की गद्दी मिली थी. ये एक ऐसा सनकी व्यक्ति था, जिसने अपने विपक्षियों की क्रूरता से जान ले ली थी
जोसेफ के बारे में ऐसा माना जाता है की स्टालिन के शासन काल में करीब 1.4 से दो करोड़ लोगों की मृत्यु दंड श्रम शिविरों (गुलगा) में या 1930 के दशक में हुए ग्रेट पर्ज के दौरान हुई थी. इस दौरान लाखों लोग निर्वासित किये गये थे. साल 1936 में 13 रूसी नेताओं पर स्टालिन को मारने का षड्यंत्र रचने के आरोप में पाया गया था, जिस वजह से उन्हें मौत की सजा सुना दी गयी थी.
पॉल पॉट (1925-1998)
1975 से 1979 तानाशाह पॉल पॉट आधुनिक इतिहास के सबसे गंभीर नरसं^हारों में से एक के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इसके राज में करीब 10 लाख लोग भुखमरी, जेल में, जबरन श्रम और ह#त्या ओं की वजह से मारे गये थे.
ईदि अमीन (1925-2003)
युगांडा का तीसरा राष्ट्रपति ईदि अमीन अपने शासन काल के दौरान लगभग ढाई लाख की मौत का जिम्मेदार था. ये इतना क्रूर शासक था, जिसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है की इसके शासन काल में प्रताड़ना, मृत्यु दंड, भ्रष्टाचार और जातीय उत्पीड़न भयंकर रूप से लोगों की जान ले रहा था.
तंजानिया से हार जाने के बाद ईदि अमीन खुद का ही देश छोडकर भाग गया था. 2003 में उसने आखिरी सांस ली थी.
सद्दाम हुसैन (1937-2006)
सद्दाम हुसैन को इराक का सबसे क्रूर तानाशाह के तौर पर जाना जाता है. जिसे लगभग पांच से दस लाख लोगों की जान लेने का जिम्मेदार माना जाता है. साल 2003 में अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के हस्तक्षेप की वजह से सद्दाम हुसैन को इराक की सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
जिसके बाद उसे साल 2006 में 148 शिया मुसलमानों की जान लेने के मामले में दोषी माना गया. जिसके बाद 30 दिसंबर 2006 के दिन सद्दाम हुसैन को फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया था.