यह किस्सा है गुजरात में रहनी वाली काजल प्रजापति का, क़ाजल गुजरात के मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट की रहने वालीं है, हर किसी की तरह काजल का भी एक बचपन का सपना था, सपना यह कि वह खाकी वर्दी पहनना चाहती थीं, नागरिकों की सेवा के लिए पुलिस में भर्ती होना चाहतीं थी. पर जो हमारे लिए सिर्फ एक किस्सा है, उस किस्से ने उनकी ज़न्दगी ने उन्हें एक ऐसे मोड़ पर लाकर छोड़ दिया जहाँ से अपनी ज़िन्दगी कि गिनती दोबारा शुरू करनी पड़ी .
काजल के पिता रिक्शाड्राइवर और माँ गृहणी हैं, काजल के अनुसार उनके माता पिता ने हमेशा से ही पढाई के लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया है, काजल का और उनके माता पिता का सपना था कि वह एक दिन UPSC क्रैक करें, यह सपना उन्होंने 2014 में देखा था जब वह 16 वर्ष की थीं, उस समय बिना किसी कोचिंग के रास्ता कठिन था किन्तु नामुमकिन नहीं.
दो साल बाद एक एसिड अटैक ने उनकी ज़िन्दगी झंझोड़ कर रख दी, 1 फरवरी 2016 की बात है, रोज़ की तरह काजल अपने कॉलेज से निकल रहीं थी, वह स्टाल्कर जो बीते कई दिनों से काजल का पीछा कर उन्हें परेशान कर रहा था आज भी उसकी उसी हरकत पर काजल ने अपना जवाब ना ही रखा, काजल के अनुसार ये लड़का उन्हें शादी के लिए ज़बरदस्ती कर रहा था, मना करने के बावजूद वह उन्हें परेशान करता था, काजल ने अपना मन पक्का कर लिया था और लड़ने के लिए अपने आप को तैयार भी कर लिया था लेकिन काजल को पता नहीं था कि उस दिन उसके पास एसिड से भरी बोतल होगी, कॉलेज से निकलते ही काजल पर एसिड फेंक दिया और तड़पता हुआ छोड़ दिया.
संघर्ष भरा था समय
महीनो तक अस्पताल में एडमिट रहकर 20 सर्जरी से गुजरते हुए काजल टूट चुकीं थी, काजल के अनुसार लगभग 20 लाख खर्च आया था और 30 लाख सरकार ने और डोनेशन के ज़रिये मिले, भाई को अपनी पढाई छोड़ कर काम शुरू करना पड़ा और पिता को दुगनी मेहनत करनी पड़ी इसके बावजूद अब तक उनका परिवार क़र्ज़ में दबा हुआ है.
लोगो के तानें नही तोड़ सके मनोबल
काजल के अनुसार आस पड़ोसियों ने उनपर दया दिखाते हुए यह तक कहा कि चेहरे पर नहीं गिराना चाहिए था, हाथ पैर पर डालता तो शायद इतना न झेलना पड़ता, लोगो की इस तरह की बातों से काजल अंदर से टूट चुकीं थीं, इसके बाद हिम्मत जुटा कर काजल काम के लिए कहीं इंटरव्यू पर भी जातीं थीं तो उन्हें उनके चेहरे को देख कर रिजेक्ट कर दिया जाता था, उनके माता पिता ने उन्हें कहा कि दुनिया की बातों को नज़रअंदाज़ करके अपनी पढाई और जीवन के लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए, हिम्मत तुम्हे नहीं उस आरोपी को छोड़नी चाहिए.
काजल सिर्फ एक आँख से देख पातीं है, और 1 घंटे से ज़्यादा पढ़ भी नहीं पातीं, लेकिन उनका मान ना है कि कुछ ना से कुछ ही सही, साथ ही उनका कहना यह भी है कि एसिड फेंकने वाले ने मुझसे मेरा चेहरा ज़रूर छीन लिया पर मेरा मनोबल नहीं छीन सकता.