Sunday, October 6, 2024

राष्ट्रपति चुनाव : जानें संविधान के अनुसार राष्ट्रपति कैसे चुना जाता है , राष्ट्रपति पद से संबंधित अन्य रोचक बाते

कुछ ही दिनों में भारत में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। पार्टियों ने अपने उम्मीदवार के नाम आगे कर दिए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपति के चुनाव कैसे और संविधान के किस अनुच्छेद के आधार पर होते हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम जानने वाले हैं कि राष्ट्रपति बनने के लिए व्यक्ति के अंदर क्या अर्हताएँ होनी चाहिए। कौन राष्ट्रपति बन सकता है और कौन नही बन सकता है। उसके पद धारण और महाभियोग से संबंधित बातें आपके सामने प्रस्तुत है।

कौन होता है देश का राष्ट्रपति

भारतीय संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है। भारत मे संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है, इसी कारण मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी हैं। राष्ट्रपति एक नाममात्र के कार्यपालिका हैं और प्रधामनंत्री एवम उनका मंत्रिमंडल वास्तविक कार्यपालिका है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रधान होता है। भारत का प्रथम नागरिक यहां के राष्ट्रपति ही होते हैं।
राष्ट्रपति भवन photo source – twitter

राष्ट्रपति पद की योग्यता

भारत का प्रथम नागरिक बनना इतना आसान भी नही होता। राष्ट्रपति को कई सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन एक राष्ट्रपति बनने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार तब योग्य माना जाता है, जब वह भारत का नागरिक हो। राष्ट्रपति बनने के लिए उस व्यक्ति की आयु 35 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। वह व्यक्ति लोकसभा का सदस्य निर्वाचित किये जाने योग्य हो। चुनाव के दौरान वह किसी लाभ के पद पर आसीन न हो। इन शर्तों को पूरा करने वाला व्यक्ति की राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़ा हो सकता है।यहाँ लाभ के पद से संबंधित कुछ और नियम भी हैं। यदि व्यक्ति राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के पद पर पहले से हो, यह वह व्यक्ति केंद्र या राज्य के मंत्रिपरिषद का सदस्य हो तो उसे लाभ का पद नही माना जाता है।

कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 54 में राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचक-मंडल की बात कही गई है। इस निर्वाचक-मंडल में राज्यसभा, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। राष्ट्रपति – पद के उम्मीदवार के लिए निर्वाचक-मंडल के 50 सदस्य प्रस्तावक तथा 50 सदस्य अनुमोदक होते हैं। क्या आपको पता है कि एक व्यक्ति जितनी बार चाहें राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित हो सकता है। राष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है।
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राष्ट्रपति अपने पद संभालने की तारीख से 5 वर्ष की अवधि तक पदासीन रहेगा। जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नही करता तब तक वह पद पर बना रहेगा। पद धारण करने से पूर्व राष्ट्रपति को एक निर्धारित प्रपत्र पर भारत के मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख शपथ लेनी पड़ती है।

राष्ट्रपति पद से संबंधित अन्य रोचक बातें

राष्ट्रपति के वेतन से संबंधित कई बातें लोगों तक कई माध्यमो से पहुंचती रहती है। असल में भारत के प्रथम नागरिक को डेढ़ लाख रुपया का मासिक वेतन दिया जाता है। उनका वेतन आयकर से मुक्त भी होता है। राष्ट्रपति को रहने के लिए निः शुल्क निवास स्थान व संसद द्वारा स्वीकृत अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं। यह भी बात लोगों को जानना चाहिए कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान उनके वेतन तथा भत्तों में किसी भी प्रकार की कमी नही किया जा सकता है। राष्ट्रपति के लिए कार्यमुक्ति के बाद पेंशन भी नियम में है। उन्हें 9 लाख रुपये सालाना पेंशन दिया जाता है।
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राष्ट्रपति पर महाभियोग

संविधान के अनुच्छेद 61 में इसका उल्लेख है। महाभियोग के लिए आधार संविधान का अतिक्रमण है जो अनुच्छेद-61(1) में उल्लेखित है। राष्ट्रपति द्वारा संविधान के प्रावधानों के उल्लंघन पर संसद के किसी सदन द्वारा उस पर महाभियोग लगाया जा सकता है। महाभियोग लगाने से पहले आवश्यक रूप से राष्ट्रपति को 14 दिन पहले लिखित सूचना दे दी जानी चाहिए। उस सूचना में उस सदन के एक चौथाई सदस्यों का हस्ताक्षर भी होना चाहिए। इसके साथ सदनों से संबंधित अन्य नियमों का पालन होगा और राष्ट्रपति के ऊपर लगे आरोपों की जांच करने के बाद आरोपों को सिद्ध करने वाला प्रस्ताव अगर सदन से दो-तिहाई बहुमत से पारित हो जाता है तो राष्ट्रपति को तुरंत पद त्यागना होगा। राष्ट्रपति के पद खाली होने के बाद उसे 6 महीने के भीतर भरना होता है।

इस वर्ष देश को मिलेगा पंद्रहवाँ राष्ट्रपति

भारत की आज़ादी के बाद पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। उनका कार्यकाल 1950 से 1962 तक रहा। उनके बाद दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1962-1967) भारत के प्रथम व्यक्ति रहे। उनके बाद तीसरे राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (1967-1969), वी. वी. गिरी (1969-1974), फखरुद्दीन अली अहमद (1974-1977), नीलम संजीव रेड्डी (1977-1982), ज्ञानी जैल सिंह (1982-1987), आर. वेंकटरमण (1987-1992), डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1992-1997), के. आर. नारायण (1997-2002), डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (2002-2007), प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (2007-2012), प्रणब मुखर्जी (2012-2017), राम नाथ कोविंद (2017-2022) राष्ट्रपति पद पर आसीन रहें।
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