भारत में अगर भूतिया जगहों की फेहरिस्त बनाई जाए तो उसमें राजस्थान के भानगढ़ किले का जिक्र ज़रूर होगा। वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि उस किले में कोई भी आत्मा या भूत का साया नही है इसके बावजूद जो लोग भूतिया स्थानों में घूमने का शौक रखते हैं, वे वहां ज़रूर जाना चाहते हैं। भारत सरकार के द्वारा उस किले के अंदर रात में प्रवेश करने पर मनाही है। यह सूर्योदय में खुलती है और सूर्यास्त में बंद हो जाती है। आइए इस किले से जुड़े किस्सों के बारे में जानते हैं।
शासक भगवंत दास ने अपने बेटे माधो सिंह के लिए बनवाया था
भानगढ़ के किले को सोलहवीं शताब्दी में शासक भगवंत दास के द्वारा अपने द्वितीय पुत्र माधो सिंह के निवास के रूप में निर्मित किया गया था। इसे बनाने में पत्थरों और ईंटो का प्रयोग हुआ था। वर्तमान में इस किले में प्रवेश लेते ही क्षतिग्रस्त ढांचे देखने को मिलते हैं। इस किले में प्रवेश लेने के 4 द्वार हैं। लाहौरी द्वार, अजमेरी द्वार, फुलबारी द्वार और दिल्ली द्वार। इस किले में कई भगवानों की छोटी-छोटी मंदिरें भी बनाई गई थी। मंदिर के पास ही पुरोहित जी का निवास स्थान भी बनाया गया था। भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले में अरावली पर्वत श्रृंखला में सरिस्का अभ्यारण्य की सीमा पर स्थित है। किले से लगा निकटतम गांव गोला का बास है।
भानगढ़ जिले के शापित होने की कहानियाँ
1. पहली कथा इस भानगढ़ के निर्माण से संबंधित है। माधो सिंह ने इसे बनाने से पूर्व वहां रहने वाले एक साधु से इजाजत ली। साधु ने कहा था कि भानगढ़ के किले की परछाई उनके स्थान पर नही पड़नी चाहिए। अगर उस किला से परछाई आकर साधु के स्थान पर पड़ती है तो जो शहर बसने वाला है वह तुरंत ही तबाह हो जाएगा। इस हवेली और भानगढ़ किले के सभी ढांचों का विनाश हो जाएगा। किले का निर्माण हुआ और साधु के ऊपर परछाई पड़ी। वहीं से इस भानगढ़ का ऐसा विनाश हुआ कि इसे दोबारा कभी बसाया नही जा सका। साधु की आज्ञा और उनके वचनों का लाज न रख पाने के कारण अपने लिए सपनों का महल बना रहे माधो सिंह को बड़ी कुर्बानी चुकानी पड़ी थी।
2. एक अन्य कथा के अनुसार कहा जाता है कि भानगढ़ में एक पुजारी रहता था जो काले जादू में माहिर था। उस पुजारी को भानगढ़ के सुंदर रानी से प्रेम हो गया था। वह दिन-रात उस रानी के सपने में खोया रहता। वह एक दिन रानी का पीछा करने लगता है। पीछा करते हुए वह बाजार तक पहुंच जाता है। उस स्थान पर पहुंचने के बाद उस पुजारी ने रानी को प्रेम औषधि भेंट किया। रानी ने उसे चट्टान पर फेंक दिया। परिणामस्वरूप पुजारी उस चट्टान की चपेट में आ गया और मरने से पहले उसने श्राप दिया कि ये पूरा नगर तबाह हो जाएगा और उजड़ जाएगा। उसकी वाणी सच साबित हुई और कुछ ही सालों में भानगढ़ शापित हो गया।
हालांकि, ये दोनों कहानी कितनी प्रामाणिक है इसके बारे कोई नही जानता। दोनों कहानी सच नही हो सकती या दोनों में से कोई एक ही सच होगी। हो सकता है इसके शापित होने के पीछे कोई दूसरी कहानी हो। इसी तरह कुछ और कहानियां हैं जो वहां के निकटतम गाँववाले बताते हैं।
आज भी आती है डरावनी आवाज़ें
वहां के रहने वाले लोग बताते हैं कि आज भी कभी-कभी उस किले से रात में महिला के रोने की आवाज़ आती हैं। एक ऐसी महिला जो रोने के साथ चूड़ियां भी तोड़ती है। कुछ लोग कहते हैं कि संगीत और कुछ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजने की आवाज़ें भी आती हैं। उस संगीत की धुन पौराणिक लोकगीतों से मेल खाती है। इस किले के बारे में कई सालों से तरह-तरह की बातें और डरावने किस्से सुनने को मिल जाते हैं। इसकी डरावनी बातें ही कई लोगों को आकर्षित करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में वहां कुछ परछाइयां भी देखी जा चुकी है। वहां से गुजरने वाले लोगों को किसी के पीछा करने का आभास होता है।
डरावनी जगह होने के कारण आते हैं टूरिस्ट्स
अधिकतर लोग किसी लुभावने जगह या किसी सुंदर लोकेशन में जाकर छुट्टी के दिनों का सदुपयोग करना चाहते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें जीवन मे रोमांच चाहिए। ऐसे ही लोग बहुत आस लेकर भानगढ़ के किले की सैर पर निकल पड़ते हैं। बहुत से युट्यूबर भानगढ़ में जा चुके हैं और वहां की वीडियो रिकॉर्डिंग भी लोगों तक पहुंचाई है। बड़ी दुर्घटना किसी के साथ नही हुई है लेकिन सभी बताते हैं कि वहां कुछ शक्ति तो है। डरावनी जगह के नाम से प्रसिद्ध होने के कारण यहां टूरिस्ट्स की संख्या अच्छी खासी देखने को मिल जाती है।