Sunday, January 19, 2025

1 करोड़ की जॉब ठुकराई, बनाया SUGAR नाम का ब्रांड

कई बार ज़िंदगी में ऐसे फैसले भी लेने पड़ते है जिसके बाद, हमे पता होता है की हमारा यह फैसला ज़्यादातर लोगो को पसंद नहीं आएगा, उन लोगो में कई बार हमारा परिवार भी होता है. अपनी सफलता की सीढ़ी हमे खुद ही चढ़नी होती है तो फैसले भी हमारे खुद के ही होते है, और होने भी चाहिए. ऐसा ही असमंजस भरे  फैसले का सामना SHARK TANK की जज विनीता सिंह को भी करना पड़ा. विनीता सिंह IIM अहमदाबाद से  पढ़ी हुई हैं.

2007 में जब विनता सिंह ने 1 करोड़ का पैकेज ठुकरा कर खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया तब सभी लोगो की नज़र में वो बेवक़ूफ़ बन चुकी थी. लकिन इन्होने इन सभी बातों पर गौर न करते हुए अपने लक्ष्य पर ध्यान देना चाहा. 1 करोड़ का पैकेज ठुकराने वाली लड़की दुनिया की नज़र में भले से पागल हो लेकिन अपने सपनो को हांसिल करने के विनीता ने इन सभी को अनदेखा किया. 1 करोड़ का पैकेज ठुकराकर वे अब अपने बिजनेस में 100 करोड़ का टर्नओवर कमा रहीं है, वे SUGAR की CEO के नाम से और अंतराष्ट्रीय शो SHARK TANK के जज के नाम से भी जानी जाती है.

 23 की उम्र में लिया ज़िन्दगी का अहम फैसला

23 की उम्र में जहाँ ज्यादातर लोग कॉलेज की ज़िन्दगी के मज़े लूट ते है वहां विनता सिंह ने प्लेसमेंट के दौरान 1 करोड़ के पैकेज वाली जॉब करने से इनकार कर दिया था. IIM में 1 करोड़ का पैकेज ठुकराने वाली बात ने इतनी सुर्खियां बटोरीं की ‘दी वीक’ के कवर पेज पर विनता सिंह को जगह मिली. महज़ 23 की उम्र में ऐसा करना मामूली बात नहीं है. इन सबके बाद दोस्त कौशिक मुख़र्जी के साथ उन्होंने अपना बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. विनीता सिंह और कौशिक मुख़र्जी दोनों ही IIM में पढ़े हैं. दोनों बिजनेस पार्टनर होने के साथ साथ जीवनसाथी भी है. विनीता अपनी ज़िन्दगी में केवल बिजनेस पर्सन ही नहीं एक माँ भी है, ज़िन्दगी में यह दो अभिनय बेहद बेहतरीन तरिके से निभा रहीं है.

     

 मुंबई से शुरू किया था सफर

विनीता की ज़िन्दगी में एक दौर ऐसा भी आया था जब उन्हें अपने जॉब छोड़ने के फैसले पर पछतावा होने लगा था. HUMANS OF BOMBAY के साथ एक साक्षात्कार में विनीता ने बताया कि वे 23 की उम्र में मुंबई आयी थी, मानसून के महीने में उन्हें एक माचिस के डब्बे जितने कमरे में गुज़ारा करना पड़ रहा था, इस बीच उन्हें जॉब छोड़ने का पछतावा भी हुआ, लेकिन उन्होंने मन को भटकने नहीं दिया.

 

कैसे हुई SUGAR की शुरुआत

बिना रुके मेहनत और रिसर्च से उन्हें जान ने को मिला की भारत में कॉस्मेटिक क्षेत्र में गुणवत्ता की काफी ज़रूरत है. सफर आसान बिलकुल भी नहीं था, फिर चाहे पैसो की बात हो या सामाजिक डोर. बिजनेस शुरू करने में उन्होंने अपना पैसा लगाया ही साथ ही काफी फण्ड भी इकठा किया। पितृसत्ता समाज होने के चलते सफर में कठिनाइयां बढ़ती चली गयीं, लेकिन मज़बूत इच्छाशक्ति के चलते उन्होंने हर मुश्किल का डटकर सामना किया. जिसके चलते आज SUGAR में 1500 कर्मचारी है और उनमे से भी 75 प्रतिशत महिलाएं है.

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