पिछले कुछ दिनों से दक्षिण भारत में हिजाब बनाम भगवा युद्ध छिड़ा हुआ है। मामूली स्कूल विवाद से शुरु हुआ यह मामला अब देश के कई हिस्सों में आग की तरह फैल चुका है। कर्नाटक में स्थिति भयावह रुप ले चुकी है, इस वजह से राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों को तीन दिन तक बंद करने का आदेश दे दिया गया है।
हिजाब को लेकर छिड़ा विवाद
बता दें, इस मामले की शुरुआत उडुप्पी के एक विद्यालय से हुई थी। यहां 6 बच्चियों को क्लास रुम में घुसने की इजाजत नहीं दी गई थी। इसकी वजह थी उनके द्वारा लपेटा हुआ हिजाब। स्कूल प्रबंधन ने इसके पीछे न्यू कोड ऑफ कंडक्ट फॉर ड्रेस का हवाला दिया। इसपर छात्राओं ने कर्नाटक कोर्ट में अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का दावा करते हुए याचिका दायर कर दी। इस याचिका में छात्राओं की तरफ से कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मिलने वाले उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
कुछ ही समय में इस मामले ने राजनीतिक रुप ले लिया जिसका नतीजा यह रहा कि छात्रों ने हिजाब के विरोध भगवा रंग की पोशाक पहनकर आना शुरु कर दिया। इस दौरान राज्य के कई शिक्षण संस्थानों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
बहरहाल, आज हम आपको ऐसे ही एक मामले के विषय में बताने जा रहे हैं जब एक राष्ट्रीय स्तर की चैंपियन को हिजाब पहनने के लिए विवश किया जा रहा था। हालांकि, उसने इसका विरोध किया और चैंपियनशिप में भाग लेने से इनकार कर दिया था।
हिना सिद्धू ने किया चैंपियनशिप से इनकार
यह बहुचर्चित मामला वर्ष 2016 का है। जब भारतीय गोल्ड मेडलिस्ट हिना सिद्धू ने तेहरान में प्रस्तावित एशियन एयरगन शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अपने इस फैसले पीछे उन्होंने प्रतिभागियों के लिए हिजाब की अनिवार्यता बताया था।
हिजाब बना ‘रोड़ा’
समाचार पत्रों से बातचीत करते हुए हिना ने बताया था कि, ‘टूरिस्ट अथवा विदेशी मेहमानों को हिजाब पहनने के लिए जबर्दस्ती करना खेल भावना के विरुद्ध है। मुझे यह पसंद नहीं इसलिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया।’
मालूम हो, तेहरान में एशियन एयरगन शूटिंग चैंपियनशिप का आयोजन 3-9 दिसंबर के बीच होना था। इसको लेकर प्रतियोगिता के आयोजकों ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साफ कर दिया था कि, ‘शूटिंग रेंज और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के कपड़े इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के नियम-कायदों के तहत होने चाहिए।’
हिना की जगह हरवीन को भेजा गया
इस नियम का विरोध करते हुए हिना सिद्धू ने 20 दिन पहले ही नैशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया को अपने फैसले के विषय में सूचना दे दी थी। इसके बाद हिना की जगह पर 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में हरवीन सराओ को भेजा गया था। वहीं, एयर पिस्टल टीम में रुचिका विनरेकर और सर्वेश तोमर को भेजा गया था।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ था कि हिना सिद्धू ने तेहरान के इस नियम का विरोध किया था। बल्कि इससे पहले भी वे 1-2 बार इंवेट्स से अपना नाम वापिस ले चुकी थीं। इस बात का खुलासा उन्होंने अपने साक्षात्कार के दौरान किया था। उन्होंने कहा था कि, ‘जी, मैं पहले भी एक बार ऐसा कर चुकी हूं। करीब दो साल पहले भी मैंने इसी कारण से ईरान न जाने का फैसला किया है। सिर्फ ईरान ऐसा करता है। और किसी देश में ऐसा नहीं होता।’
‘अर्जुन अवार्ड’ से नवाज़ा गया
गौरतलब है, 2013 में इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर हिना ने देश का नाम रौशन किया था। इसके अलावा उन्होंने 2021 में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में 25 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में स्वर्ण पदक हांसिल किया था। बता दें, हिना सिद्धू को उनके शूटिंग वर्ल्ड में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।