आधुनिकता के इस दौर में लाखों वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होती हैं। इनमें से रोज़ कोई ना कोई वीडियो वायरल होती है, जिसकी वजह से कई लोग अर्श से फर्श पर पहुंच जाते हैं।
इसका सबसे सटीक उदाहरण बचपन का प्यार फेम सहदेव दिरदो हैं। छत्तीसगढ़ के सहदेव द्वारा गाए गए इस गाने का वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था जिसके बाद यह वीडियो इतना वायरल हुआ कि लोगों ने इसपर रील्स बनाना शुरु कर दिया।
कुछ समय बाद रैप सिंगर बादशाह ने बचपन का प्यार गाने पर एक वीडियो बनाया था। इस गाने में सहदेव दिरदो भी नज़र आए थे।
इन दिनों अब एक और गाना सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है। इसका नाम काचा बादाम है।
आज हम आपको इस गीत के लेखक और गायक के विषय में बताने जा रहे हैं जो आज भी गरीबी में ही अपना जीवन गुजार रहे हैं।
इनका नाम भुबन बादायकर है। ये पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के दुबराजपूर ब्लॉक के कुरालजुरी गांव के निवासी हैं। इनके परिवार में पांच सदस्य हैं, इनमें इनकी पत्नी, 2 बेटे और 1 बेटी शामिल हैं। वे अपने परिवार का पेट पालने के लिए गांव-गांव जाकर मूंगफली बेचते हैं जिससे उन्हें 200-300 रुपये की कमाई होती है। अपनी ओर ग्राहकों को आकर्षित के उद्देश्य से उन्होंने काचा बादाम नामक गाना बना डाला। यह गाना मशहूर बाउल लोकगीत की धुन पर आधारित है।
कुछ ही दिनों में उनका यह गाना वायरल हो गया और उनकी मूंगफली से होने वाली आमदनी में इजाफा हुआ।
वहीं, एक समाचार चैनल से बात करते हुए भुबन ने बताया कि उनके गाने पर देश-दुनिया में लोग वीडियो बनाकर रुपये कमा रहे हैं। हालांकि, इसके बदले में उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य की ममता सरकार से भुबन ने अपील की है सरकार उनके परिवार के लिए स्थाई घर का इंतज़ाम करे। उन्होंने कहा कि ‘मैं चाहता हूं कि लोगों को मेरे गाने के बारे में पता चले और सरकार मेरे और मेरे परिवार के रहने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था कर दे। मैं उन्हें अच्छा खाना खिलाना चाहता हूं, उनके लिए सुंदर कपड़ों की व्यवस्था करना चाहता हूं।’
गौरतलब है, सालों से मूंगफली बेंच रहे भुबन को उनके काचा बादाम गाने ने वायरल होने के बाद उन्हें रातो-रात सोशल मीडिया सेंसेशन बना दिया। उनका यह गाना भारत के अलावा विदेशों में भी धूम मचा रहा है। हालांकि, इसका भुबन को कोई फायदा नहीं मिल रहा है।