आइसक्रीम एक ऐसी चीज है जो बच्चों से लेकर बड़ो तक लगभग हर एज ग्रुप के लोगों को पसंद आती है. वही आइसक्रीम के जितने फ्लेवर बाजार में मौजूद है उतने ही आइसक्रीम के ब्रांड बाजार में मौजूद है. लेकिन एक समय ऐसा भी था. जब भारत में कुछ ही ऐसे आइसक्रीम ब्रांड बाजार में मौजूद थे. जो अपना आइसक्रीम का स्वाद लोगों तक पहुंचाते थे. उन्हीं में से एक ब्रांड है गुजरात का वाडीलाल ( Vadilal ) ब्रांड जो आज के समय में चार पीढ़ियों से भी ज्यादा समय तय कर लिया है……
वाडीलाल गांधी ने बनाया था वाडीलाल आइसक्रीम ब्रांड
भारतीयों का फेमस आइसक्रीम ब्रांड वाडीलाल अहमदाबाद में साल 1907 में बनाया गया था. जिसके निर्माता का नाम वाडीलाल गांधी था. शुरुआत के दिनों में गांधी इस आइसक्रीम को ‘कोठी तकनीक’ से बनाते थे. जिसके लिए मात्र दूध, नमक और बर्फ की जरूरत होती थी. अपने शरुआती दिनों में गांधी अपने हाथ से आइसक्रीम बना कर थर्माकोल के डिब्बों में डिलीवर किया करते थे
1950 के दशक में लांच हुई वाडीलाल की कसाटा आइसक्रीम
बढ़ती उम्र के साथ गांधी ने अपने बिजनेस को अपने बेटे रणछोड़ गांधी के हाथों सौंप दिया. जिसके बाद 1926 के दौरान वाडीलाल का पहला आउटलेट लांच किया गया. धीरे धीरे समय बीता और महज कुछ ही दिनों में कंपनी ने 1950 में अपना इंटरनेशल आइसक्रीम फ्लेवर कसाटा बाजार में लांच कर दिया. जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. धीरे-धीरे Vadilal की इस आइसक्रीम को खाना एक परंपरा बन गयी. ऐसे ही वाडीलाल ब्रांड एक के बाद एक अपने हिट फ्लेवर लांच करता गया. 1990 के दशक में इस बिजनेस को परिवार की चौथी पीढ़ी ने संभाल लिया था.
अमेरिका में सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड बना Vadilal
आपको जानकर खुशी होगी कि Vadilal एक ऐसा भारतीय ब्रांड बन चुका है. जिसके चाहने वाले अमेरिका में इतने ज्यादा है कि आइसक्रीम के मामले में वाडीलाल अमेरिका में नंबर वन ब्रांड चुका है. आज के समय में वाडीलाल आइसक्रीम के साथ साथ फ्रोज़न स्प्राउट, सब्जियां, फ्रूट, फ्रूट पल्प और मिठाई के साथ, भारतीय व्यंजनों की Ready To Cook रेसिपी भी बेचने लगा है. इस तरह के प्रोसेस्ड फ़ूड को वाडीलाल ने 1991 में लांच किया था. जिसे वाडीलाल क्विक ट्रीट कहा जाता है.
कंपनी के चीफ द्वारा कहा गया कि, “Vadilal के फ्रोज़न प्रोडक्ट्स विदेशों में काफी पसंद किये जाते हैं, वहीं Vadilal अमेरिका में सबसे ज्यादा बिकने वाला भारतीय आइसक्रीम ब्रांड है. आज हमारा ब्रांड दुनिया के 45 देशों में पहुँच चुका है.’’
1988 में हुए कंपनी के दो हिस्से
जब यह कंपनी भारत से बाहर निकल कर अलग अलग देशों में अपने प्रोडक्ट्स लांच कर रही थी. उस समय कई विदेशी कंपनियों ने वाडीलाल को खरीदने की कोशिश भी की. पर वाडीलाल नहीं बिकी. हालांकि 1988 में इस कंपनी में के दो हिस्से हो गए. इसलिए दोनों भाइयों में समझौता हुआ कि वो दोनों Vadilal ब्रांड का उपयोग दोनों भाई करेंगे. लेकिन दोनों अपने अपने क्षेत्र बांट ले. जिससे दोनों में प्रतिस्पर्धा न हों.
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