Thursday, November 30, 2023

क्या है क्लौस्ट्रफ़ोबिया ?

- Advertisement -

कैसा महसूस करेंगे यदि आपको कोई एक कमरे में बंद कर दे जहाँ न तो कोई खिड़की हो न कोई रौशनदान !…यदि आपको डर लगता है ऐसी किसी जगह पर जाने से तो शायद आपको क्लौस्ट्रफ़ोबिया है, आइये जानते है क्लौस्ट्रफ़ोबिया आखिर क्या है ?

किसी बंद जगह पर या भीड़ भाड़ वाली जगह में जाना और ऐसा महसूस होना कि मानो आप वहां से निकल ही नहीं पाएंगे, पैनिक अटैक आना यह सब क्लौस्ट्रफ़ोबिया की निशानी है, फोबिया यानी के डर, ये डर वास्तविक रूप में होता नहीं सिर्फ महसूस होता है जो दिमाक में बैठ जाता है. कई बार यह अपने आप खत्म हो जाता है लेकिन कुछ लोगो को इसे ख़त्म करने के लिए चिकित्सा की सहायता लेनी पड़ती है. क्लौस्ट्रफ़ोबिया मुख्यतौर से गंभीरता या यह किस स्टेज पर है इस पर निर्भर करता है, कई बार यदि ज़्यादा गंभीर है तो किसी हॉल में बैठने के बाद भी डर का एहसास होगा और यदि ज़्यादा गंभीर नहीं है तो CT स्कैन की मशीन, MRI की मशीन कुछ ऐसी जगहों पर डर महसूस होता है.

- Advertisement -

क्लौस्ट्रफ़ोबिया के लक्षण

– पसीना आना

- Advertisement -

– शरीर कांपना

– धड़कने तेज़ होना

– बेहोश होना

– सांसो का तेज़ होना, सिर दर्द, सीने में दर्द

– उलझन का एहसास होना

– सांस लेने में तकलीफ आदि

इस दौरान कभी कभी मरीज़ को ऑक्सीजन की कमी भी महसूस होने लगती है, और यदि यह आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर हावी होने लगे तो मानसिक विशेषज्ञ, साइकोलॉजिस्ट से राये ज़रुर लें.

क्लौस्ट्रफ़ोबिया के कारण

प्रमस्तिष्कखंड (Amygdala) इंसानी दिमाक का वह हिस्सा है जो डर को या डर की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है, यह एक क्लौस्ट्रफ़ोबिया का एक कारण हो सकता है, बचपन में हुई दुर्घटना किसी और के साथ हुआ दुर्व्यवहार जैसे अगवाह करना, भीड़ में अपनों से दूर हो जाना और ऐसे अन्य व्याख्य भी कारण हो सकते है. इसके अलावा किसी और को क्लौस्ट्रफ़ोबिया से जूझते हुए देखना भी एक कारण हो सकता है.

कैसे बढ़ने से रोकें ?

बाकी बीमारियां जैसे ज़ुखाम, बुखार आदि को घरेलु नुस्खों से ठीक किया जा सकता है, किन्तु क्लौस्ट्रफ़ोबिया जैसी बीमारियों को घरेलु नुस्खों से सही नहीं किया जा सकता, किन्तु कुछ बातों का ध्यान रख कर काफी हद्द तक काबू किया जा सकता है, आइये देखते है किन बातों का रखना चाहिए ध्यान ?

ज़्यादातर लोग डर महसूस होने पर इधर उधर भागते है जिस से पानिक अटैक बढ़ता है, और खुद को नुक्सान पहुंचाया जा सकता है, ऐसे में यहाँ वहां न भाग कर एक जगह पर स्थिर खड़े रह कर मन शांत करना चाहिए,

यह डर वास्तविक नहीं होता तो अपने आप को ये बात याद दिलाते रहना चाहिए कि लक्षण सिर्फ कुछ देर के हैं, डर यदि दिमाक में बैठा रहता है तो दिमाक से निकाला भी जा सकता है, ऐसे में अपना ध्यान किसी ऐसी जगह पर लगाएं जहां डर का एहसास न हो, अच्छी सकारात्मक चीज़ें याद करें, मन शांत, स्थिर और एकाग्र करने में व्ययाम, योग, और ध्यान काफी हद्द तक क्लौस्ट्रफ़ोबिया पर काबू पाने मे कारगार साबित हुआ है.

- Advertisement -
RELATED ARTICLES

Most Popular