Saturday, March 15, 2025

जब नानी की ज़िद के आगे हार गए थे वरुण गांधी, रचाई थी यामिनी से शादी

भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी अक्सर अपने बगावती रवैये को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। उन्हें कई बार केंद्र की योगी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते देखा गया है। पिछले साल कृषि आंदोलन के दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाई थी।

माना जाता है इसकी वजह से उन्हें भाजपा की कार्यकारिणी सदस्यों की कमेटी में जगह नहीं मिली।

बहरहाल, आज हम आपको बीजेपी सांसद के निजी जीवन से जुड़ी रोचक जानकारियां देने जा रहे हैं।

संजय गांधी के पुत्र वरुण गांधी

बता दें, वरुण गांधी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते और दिवंगत कांग्रेस संजय गांधी के पुत्र हैं। संजय गांधी की शादी मेनका गांधी से हुई थी, जिसके बाद 13 मार्च 1980 को वरुण का जन्म हुआ था। धीरे-धीरे वरुण गांधी बड़े हुए उन्होंने स्कूल जाना शुरु किया, इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए विदेश गए। वहां से लौटने के बाद उन्होंने राजनीति में उतरने का मन बनाया और पीलीभीत से सांसद के रुप में नई पारी की शुरुआत की।

इस सफर में वरुण का कदम-कदम पर जिस महिला ने साथ दिया वो कोई और नहीं उनकी पत्नी यामिनी हैं। उन्होंने बीजेपी नेता के हर बुरे वक्त में उनका साथ दिया है।

क्या आपको पता है कि वरुण गांधी और यामिनी ने लव मैरिज की थी? इन दोनों की शादी का यह किस्सा काफी दिलचस्प है।

पढ़ाई के लिए विदेश गए वरुण और यामिनी

आपको बता दें, वरुण के ग्रेट ग्रैंड फादर जवाहरलाल नेहरु और कांग्रेस अध्यक्ष चितरंजन दास काफी अच्छे दोस्त थे। दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना रहता था। तभी वरुण और यामिनी की मुलाकात हुई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वरुण अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करके आगे की पढ़ाई के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स चले गए थे. वहीं, यामिनी भी ग्रेजुएशन के लिए पेरिस स्थित सोरबोन यूनिवर्सिटी चली गईं। कई सालों तक यहां रहने के बाद जब दोनों भारत आए तब उनकी मुलाकात इत्तेफाक से हो गई थी।

यामिनी के घर से आया रक्षाबंधन का न्योता

बताया जाता है कि वरुण को दिल्ली स्थित रामपुर हाउस से रक्षाबंधन का न्योता भेजा गया था। ये वही घर था जहां यामिनी और उनकी फैमिली रहती थी। वरुण जब यहां पहुंचे तो वे यामिनी को देखकर दंग रह गए थे। उनकी कई सालों बाद यामिनी से मुलाकात हुई थी और वो भी रक्षाबंधन के मौके पर। कहा जाता है कि पहली बार यामिनी को देखते ही वरुण उन्हें दिल दे बैठे थे। लेकिन राखी बंधवाने पहुंचे वरुण दुविधा में पड़ गए थे।

अपने एक इंटरव्यू के दौरान वरुण ने इस किस्से का जिक्र करते हुए बताया था कि अगर वे उस दिन यामिनी से राखी बंधवा लेते तो नकी लव स्टोरी शुरु होने से पहले ही खत्म हो जाती।

नानी को हुआ कैंसर

खैर, यहां से वरुण और यामिनी के बीच मुलाकातों का सिलसिला शुरु हुआ। उन दिनों वरुण की नानी को कैंसर हो गया जिसकी वजह से वे उनकी देखभाल करने के लिए वे ज्यादातर वक्त घर पर ही गुजारते थे। जानकारी के मुताबिक, एक दिन यामिनी ने उन्हें किसी काम से मिलने के लिए बुलाया था लेकिन वरुण ने नानी की तबियत खराब है कहकर फोन काट दिया। इसके बाद यामिनी उनसे मिलने और नानी का हालचाल जानने के लिए वरुण के घर जा पहुंची। यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले वरुण की नानी का हाल जाना उसके बाद वरुण से बात की।

कुछ महीनों तक यह सिलसिला ऐसा ही चलता रहा, यामिनी अक्सर वरुण के घर आकर उनकी नानी का ख्याल रखतीं। इस दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगीं।

नानी ने मांगा वादा

साल 2008 में वरुण आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटे हुए थे। इस बीच एक दिन उनकी नानी ने उनसे एक वादा लिया। उन्होंने कहा कि मैं रहूं या न रहूं, तुम शादी यामिनी से ही करोगे। इसपर वरुण ने हंसते हुए इस बात को यहकर टाल दिया कि जनता उनको चुनकर अपनी नौकरी पर लगा देगी तो वह शादी कर लेंगे।

सांसद बने वरुण

2009 में चुनाव हुए जिनमें वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद बने। इसके बाद वे अपनी नानी से आशीर्वाद लेने के लिए उनके पास पहुंचे तब उनके साथ यामिनी भी मौजूद थीं। वरुण की नानी ने पहले तो वरुण को आशीर्वाद दिया उसके बाद पास खड़ी यामिनी की तरफ देखकर कहा कि चार साल से इस लड़की को घुमा रहे हो, जनता ने आशीर्वाद दे दिया है, अब शादी कर लो।

शादी से पहले वरुण ने रखी शर्त

नानी की इस आदेश पर वरुण ने शादी के लिए हां कर दी। हालांकि, वरुण ने शादी से ठीक पहले यामिनी के सामने दो शर्तें रख दीं।

जानकारी के मुताबिक, बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने यामिनी के सामने पहली शर्त रखी थी कि वे शुद्ध शाकाहारी हैं इसलिए उनके घर में नॉनवेज नहीं बनेगा। वहीं, दूसरी शर्त में उन्होंने कहा कि उनकी मां मेनका गांधी गुस्से वाली हैं, अगर वे नाराजगी में कभी कुछ कह दें तो वे उन्हें जवाब नहीं देंगी। चाहें बाद वे वरुण से कितना भी लड़ लें।

वरुण की इन दोनों शर्तों को यामिनी ने स्वीकार कर लिया और दोनों की शादी हो गई।

शंकराचार्य ने करावई शादी

गौरतलब है, 2009 में वरुण गांधी और यामिनी की शादी शंकराचार्य ने करवाई थी। जबकि हजार सालों में किसी भी शंकराचार्य ने किसी की भी शादी नहीं करवाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांचीपुरम के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती महाराज ने दोनों की शादी करवाई थी।

कहा जाता है कि शादी से ठीक एक दिन पहले आश्रम से वरुण के घर लड़की की कुंडली के लिए फोन गया था। इसपर वरुण ने यामिनी को तलब किया जिसपर वे क्रोधित हो गईं। हालांकि, काफी समझाने-बुझाने के बाद यामिनी ने अपनी कुंडली वरुण के घर भेज दी।

अगली सुबह शंकाराचार्य ने फोन करके वरुण के परिजनों को बताया कि इस लड़की का संबंध ब्राह्म्ण कुल से है जो कि काफी श्रेष्ठ संयोग है। इसके बाद दोनों की शादी शंकराचार्य की मौजूदगी में कराई गई थी, बल्कि उन्होंने ने ही पूरे विधि-विधान के साथ करवाई थी।

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