Saturday, March 15, 2025

कौन है चंद्रशेखर आजाद रावण, जिन्होंने लगाया ‘द ग्रेट चमार्स’ का बोर्ड 

हाल ही में दुनिया की सबसे बड़ी मैगजीन में से एक टाइम मैगजीन ने दुनिया के 100 उभरते नेताओं की लिस्ट बनाई थी. जिसमें भारत के पांच नेताओं का नाम शामिल किया गया था. जिनमें से एक चंद्रशेखर आजाद रावण का नाम भी शामिल है. जिन्होंने दलितों पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए अपनी एक संगठन तैयार किया है, जिसे भीम आर्मी का नाम दिया गया है. उनके इन्हीं सामाजिक कार्यों के चलते उन्हें पूरा भारत जानता है. आइये जानते है कैसे उन्होंने इन सब की शुरुआत की..

खुद को किया दलित समाज के लिए समर्पित

उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के गाँव घडकौली में चंद्रशेखर आजाद रावण का जन्म हुआ था. जिनके पिता का नाम गोवर्धन दास है जोकि एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल थे. उनका एक भाई भी है, जो एक मेडिकल स्टोर पर जॉब करता है.

बता दें चंद्रशेखर आजाद रावण ने देहरादून से पढाई की है.लेकिन वो हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका जाकर पढाई करना चाहते थे.लेकिन एक दिन जब वो अपने पिता का इलाज करवाने के लिए सहारनपुर आये थे. वहां उन्हें कुछ दलितों पर अत्याचार होते हुए दिखा. उस दिन उन्होंने फैसला कर लिया कि अब से वो अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ दलितों के उत्थान के लिए ही कार्य करेंगे.

गाँव के बाहर लगाया “द ग्रेट चमार्स” का बोर्ड

शुरुआत में जब चंद्रशेखर आजाद रावण दलितों पर हो रहे अत्या^चार को रोकने का कार्य कर रहे थे. उस समय उन्होंने अपने गाँव के बाहर द ग्रेट चमार्स का बोर्ड लगा दिया. जब सोशल मीडिया की नजरों में वो बोर्ड आया तो धीरे धीरे लोग इन्हें जानने लगे. ये साल 2015 की बात है. उनके इस कदम से गाँव के ठाकुरों और दलितों के बीच तनाव की स्थिति बन गयी. लेकिन आज भी द ग्रेट चमार्स का बोर्ड उनके गाँव के बाहर लगा है.

ऐसे हुई थी भीम आर्मी की शुरुआत

अक्सर आपने सोशल मीडिया पर भीम आर्मी के बारे में सुना होगा. लेकिन शायद भारत में ज्यादातर लोग नहीं जानते कि भीम आर्मी क्या है और इसे किसने बनाया है.दरअसल भीम आर्मी के फाउन्डर चंद्रशेखर आजाद रावण ही है. उन्होंने साल 2011 में कुछ लोगों के साथ मिलकर भीम आर्मी का उद्घाटन किया. जिसका पूरा नाम ‘भारत एकता मिशन’ है. जो आज के समय में युवाओं के बीच काफी चर्चित है.

लेकिन भीम आर्मी 2017 में तब लोगों की नजरों में आई. जब सहारनपुर के ही शब्बीरपुर गांव में भीम आर्मी और सवर्णों के बीच मतभेद हुए . जिसमें भीम आर्मी के युवाओं सहित चंद्रशेखर आजाद रावण को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.

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