कहते हैं इंसान यदि चाहे तो हिमालय पर भी आसानी से चढ़ सकता है। इसके लिए बस उसका दृढ़संकल्प महत्वपूर्ण है। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए मेहनत और लगन सबसे अहम होती है। जो व्यक्ति अपने समय की कीमत समझकर उसे सही दिशा में लगाते हैं वे निश्चित ही एक ना एक दिन सफल होते हैं।
आज हम आपको ऐसी ही एक महिला किसान के विषय में बताने जा रहे हैं जिसने अपने परिवार की परिस्थितियों को बदलने के लिए दिन-रात मेहनत की और पहले ही अटेम्प्ट में केरल पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा पास कर ली और बन गई ऑफिसर।
पिता ने छोड़ा परिवार का साथ
बता दें, इस युवती का नाम सेल्वाकुमारी है। इनका जन्म केरल के वंदीपेर्रियार के छोट्टूपारा गांव में हुआ था। इनके पिता इनकी माता और अपनी माता को छोड़कर चले गए थे। उस वक्त सेल्वाकुमारी और उनकी दो छोटी बहनें बहुत छोटी थीं।
स्कूल के बाद खेती में बंटाती थी मां का हाथ
पिता के जाने के बाद घर की जिम्मेदारी इनकी माता के ऊपर आ गई। वे दिन-रात मेहनत मजदूरी करके अपना घर चलाती। मां की यह हालत देखकर सेल्वाकुमारी को कतई अच्छा नहीं महसूस होता था, वे इसीलिए बड़े होकर कुछ बनना चाहती थीं जिससे वे अपनी मां की जिंदगी बदल सके।
वे सुबह स्कूल जाती, दोपहर में वापिस लौटकर इलायची के खेतों में अपनी मां का हाथ बंटाती।
इस दौरान उन्होंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई संघर्षों के साथ पूरी की। इसके बाद उन्होंने तिरुवनंथपुरम के गवर्मेंट वुमेन्स कॉलेज से मैथ्स में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने एमफिल किया।
अन्य छात्र उड़ाते थे मजाक
एमफिल के दौरान कॉलेज में उनका अक्सर मजाक उड़ाया जाता था। दरअसल, सेल्वाकुमारी को मलायलम भाषा की इतनी समझ नहीं थी जिसकी वजह से उन्हें बात करने में काफी दिक्कत महसूस होती थी। इस वजह से कई लोग उनका मजाक उड़ाते थे। हालांकि, उन्होंने एमफिल में टॉप करके सभी का मुंह बंद कर दिया।
पहली बार में पास की KPSC
गौरतलब है, अब सेल्वाकुमारी के सामने सबसे बड़ी चुनौती नौकरी थी। इसलिए उन्होंने फैसला लिया कि वे केपीएससी की तैयारी करेंगी और अधिकारी बनेंगी। कड़ी मेहनत और लगन के दमपर उन्होंने पहली ही बार में केरल पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा पास कर ली और अधिकारी बन गईं।