जब से कोरोना ने दुनिया मे अपना पैर पसारा है तब से व्यापार से लेकर शिक्षा तक लगभग हर चीज पर प्रभाव पड़ा है. ऐसे में बच्चे जैसे तैसे अपनी शिक्षा को कंटीन्यू कर पा रहे है. मुम्बई के एक सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुर्मी ने बच्चों के पढ़ने के लिए एक पुरानी बस को ही क्लासरुम में बदल दिया. उन्होंने इस मिनी स्कूल को 15 अगस्त के दिन लांच किया था. आइये जानते है अशोक कुर्मी की पूरी कहानी.
गरीब बच्चों के लिया बस में बनाया स्कूल
कोरोना की वजह से बच्चें अपने स्कूल नहीं जा पा रहे इसलिए उन्हें वर्चुअल क्लास का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में गरीब बच्चें के लिए ऑनलाइन क्लास का हिस्सा बन पाने काफी मुश्किल हो गया है. अशोक कुर्मी ने गरीब बच्चों की इस विडंबना को देखकर उनके लिए बस वाले स्कूल की योजना बनाई
सायन फ्रेंड्स सर्कल कर रही है सहयोग
फिलहाल ये स्कूल पुराने एंटोप हिल पोस्ट ऑफिस चल रहा है. बता दें इस स्कूल को साइज फ्रेंड्स समूह इस योजना सहयोग कर रही है. ये एनजीओ सामाजिक सेवा के लिए अपनी आय का एक पर्सेंट देता है.
महामारी के दौरान भी अशोक कुर्मी ने दिया था योगदान
ये पहला काम नहीं है जो अशोक जी गरीब लोगों के लिए किया है. कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने कई लोगों की मदद की थी. उस समय उन्होंने मास्क ओर सेनेटाइजर मुफ्त में वितरित किये थे. इसके अलावा उन्होंने स्पाइडर मैन का कॉस्ट्यूम पहन कर मुम्बई की सड़कों को साफ भी किया है. ये तो कुछ भी नहीं उन्होंने डोरीमोन की पोशाक पहनकर झुग्गी झोपड़ी वाले लोगों के बाल भी कटवाए है.
2.96 करोड़ बच्चों के पास डिजिटल उपकरण ही नहीं
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत मे 2.96 करोड़ स्कूली बच्चों के पास डिजिटल सुविधाएं ही नहीं है. जिसमें बिहार पहले नंबर पर है. हालांकि इस फिगर में दिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ के बच्चे शामिल नहीं है