आज का दौर ऐसा है कि किसी के घर में कुछ हो या ना हो ठंडी अलमारी जरूर होती है. जी हाँ हम बात कर रहे हैं रेफ्रीजिरेटर की. समय के साथ रेफ्रीजिरेटर के रंग-रूप बदलते रहे हैं. मगर क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि रेफ्रीजिरेटर के दरवाजे चुम्बकीय क्यों होते हैं ? या फ्रिज को बंद करते वक़्त लाइट कब बंद होती है.
बचपन में आपने भी यह देखने की कोशिश की होगी कि फ्रिज के दराजे की लाइट कब बंद होती है. इसके साथ ही कुछ वक़्त के बाद फ्रिज का दरवाजा क्यूँ बंद हो जाता है. आज इस सब सवालों के जवाब हम आपको देंगे. इन सबके पीछे के राज़ को जानने के लिए खबर पूरी पढ़ते रहिये.
फ्रिज के डोर पर चुम्बक क्यूँ लगा रहता है इसका जवाब जानने के लिए हमे इसके इतेहास में जाना पड़ेगा. पहले के समय ऐसे ऐसे चुम्बकीय दरवाजे नहीं होते थे. पहले के फ्रिज कई मासूमों की जान के लिए ख़तरा भी होते थे. कई मासूमों की जान इससे जा चुकी है. कारण था लुका-छिपी के खेल में फ्रिज में छिप जाना. फ्रिज के अन्दर ठंडी हवा के प्रेशर की वजह से अंदर की तरफ से ताकत लगाने पर भी दरवाज़ा नहीं खुलता था. इसके साथ ही दरवाजे पर लगी रबर अन्दर कि आवाज़ को बाहर नहीं आने देती थी. जिस कारण कई बच्चों की जान चली जाती थी.
यही कारण था कि लोगों के मन में फ्रिज के लिए डर बैठ गया और इसकी बिक्री में भी खासी गिरावट देखने को मिली. यहाँ तक कि इस प्रोडक्ट को बंद करने की भी बात उठी थी.
बता दें कि साल 1951 में कैलिफ़ोर्निया के कोर्ट ने एक आदेश पास किया, जिसमें इस बढ़ती मुसीबत का हल निकालने के लिए कहा गया. साल 1956 में साइंटिस्ट की टीम ने इसका हल निकाल लिया. कुछ एक्सपेरिमेंट किये गए कि कितने साल का बच्चा कितनी फ़ोर्स से दरवाज़े को अन्दर से धक्का दे सकता है. कुछ वैज्ञानिकों ने इसको हल करने के लिए दरवाजों को चुंबक का बनाने का प्लान किया. जिसके बाद यह मसला हल हो गया.
चुम्बकीय दरवाजे बनाने के बाद वैज्ञानिकों ने एक बाद फिर एक्सपेरिमेंट किया और इस बार बच्चे अन्दर से दरवाजा खोलने में सफल रहे. बस यही से फ्रिज में चुम्बकीय दरवाजों की शुरुवात हुई. कई खोज हमें छोटी लगती हैं मगर उनके पीछे की कहानी और इतेहास काफी लम्बा होता है. रेफ्रीजिरेटर के दरवाजों के साथ भी कुछ ऐसा ही था.
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