GST की नई दरें लागू होने के बाद से सत्ता में काबिज भाजपा सरकार पर विपक्षी पार्टियों और व्यापारियों का कहना है कि सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम से लघु और मध्यम वर्ग के व्यापारियों और आम जनता की कमर टूट जाएगी और बड़ी कंपनियां फायदे में रहेंगी. विपक्षियों का कहना है कि बड़ी कंपनियों पर इन दरों का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्यूंकि उनके ज्यादातर प्रोडक्ट्स पहले से ही उसके दायरे के अंदर थे.
केंद्र के इस फैसले को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है. जीएसटी के आजाने के बाद से दूध, दही, पनीर, बल्ब से लेकर पेंसिल-पेन और होटल-अस्पताल के कमरे सब महंगा हो जायेगा. केंद्र के इस फैसले के बाद कुछ व्यापारियों ने 26 जुलाई को भोपाल में एक बैठक बुलाई जिसके बाद से इन लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही है.
बता दें कि केंद्र कि सरकार ने पहले ही बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के पैक्ड और ब्रांडेड प्रोडक्ट्स को 5, 12 और 18 फ़ीसदी के GST कर दायरे में ला दिया था. जिससे उनके प्रोडक्ट्स खुले बाज़ार में महंगे बिक रहे थे. वहीँ दूसरी ओर छोटी कंपनियों के खुले या छोटे-छोटे पैक में बेचे जा रहे उत्पाद ब्रांडेड कंपनी के ना होने के कारण 5, 12 और 18 फ़ीसदी के दायरे से बाहर थे. जो कि खुले बाज़ार में सस्ते दामों पर बिक रहे थे. नई व्यवस्था लागू होने के बाद अब छोटी कंपनियों के पैक्ड प्रोडक्ट्स पर भी 5, 12 और 18 फ़ीसदी का टैक्स लगेगा. जिससे छोटी कंपनियों के का उत्पाद महंगा होना भी तय है.
ग्राहक हमेशा ब्रांडेड प्रोडक्ट खरीदना पसंद करते हैं. मगर अब छोटी कंपनियों के प्रोडक्ट्स और बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट्स के दामों में ज्यादा फर्क नहीं रह जायेगा यही कारण है कि ग्राहक थोड़े ज्यादा पैसे देकर ब्रांडेड प्रोडक्ट खरीदना पसंद करेंगे. नई लागू नीति के चलते छोटी कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ेगा और बड़ी कंपनियां मलाई खायेंगी क्योंकि उनके प्रोडक्ट्स की बिक्री में इजाफा होगा. व्यापारियों के संगठन कैट के नेता सुमित अग्रवाल ने बताया कि निचले स्तर का व्यापारी अभी तक छोटी-मोटी दुकानदारी करता था. लिहाजा वह कर दायरे से बाहर था.
उसने अभी तक टैक्स सिस्टम के लिए खुद को रजिस्टर तक नहीं किया होगा. मगर अब हर साल बिक्री दिखाने के लिए छोटे व्यापारियों को GST नंबर लेना अनिवार्य हो जायेगा. जिससे छोटे व्यापारियों का लेजर मेंटेन करने का खर्च बढ़ जाएगा. चूंकि केंद्र ने 25 किलो से ज्यादा के पैक पर कोई GST लगाने का फैसला किया है जिसके चलते बड़े व्यापारी इस कर सिस्टम से प्रभावित नहीं होंगे. वे पहले की तरह अपना टैक्स देते रहेंगे.
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