Saturday, May 27, 2023

क्या आप ने कभी सोचा है आखिर क्यों स्टेशन पर समुंद्र तल से ऊंचाई लिखी होती है? जानिये असल वजह

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दोस्तों आप अकसर ट्रेन में सफर करते होंगे और सफर करते वक्त आप ने कई स्टेशन पर देखा होगा कि वहां पर समुंद्र तल से ऊंचाई लिखी होती है. आप जब देखते होंगे आप के दिमाग में ये ख्याल जरूर आता होगा कि आखिर क्यों समुंद्र तल से ऊंचाई लिखा होता है आखिर ट्रेन के ड्राइवर का इससे क्या लेना देना. आप सोचते होंगे कि क्या इससे यात्रियों का कुछ लेना देना है. तो आप के सारे सवालों का जवाब हम आप को देंगे.

Pic source -social media

स्टेशनों पर क्यों लिखा जाता है समुंद्र तल से ऊंचाई

ट्रेन में सफर करते समय आप ने अधिकतर स्टेशनों पर उसके नाम के साथ समुंद्र तल से ऊंचाई लिखा देखा होगा, देखने के बाद सोच में पड़ जाते होंगे कि आखिर क्यों ये लिखा जाता है. ये तो हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी गोल है और पृथ्वी पर बसे बहुत से शहर और राज्य ऊंची और नीची सतह पर बसे हुए हैं. इन्हीं ऊंची नीची सतहों को मापने के लिए वैज्ञानिको को किसी ऐसे प्वाइंट की जरूरत थी और उसके  लिए समुंद्र से अच्छी जगह कोई नहीं थी. क्योंकि समुंद्र का  सतह हमेशा एक समान होता है. वैज्ञानिकों ने सोचा पृथ्वी की सतह मापने के लिए समुंद्र से अच्छी जगह कोई नहीं. और तब से किसी भी शहर की ऊंचाई मापने के लिए समुंद्र की सतह का इस्तेमाल किया जाने लगा.

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समुंद्र सतह से ऊंचाई हमेशा मीटर में लिखा होता है 

आप ने गौर किया होगा कि रेलवे स्टेशन पर समुंद्र तल से ऊंचाई हमेशा मीटर में लिखा होता है जैसे कि 150 मीटर 300 मीटर या 500 मीटर इस तरह से समुंद्र सतह से ऊंचाई लिखा होता है.

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यात्रियों का इससे कोई लेना देना नहीं

बता दें  स्टेशन पर पीले रंग के बोर्ड पर जो समुंद्र सतह से ऊंचाई लिखा होता है उससे सफर कर रहे यात्रियों से कोई लेना देना नहीं होता. यात्रियों के लिए नहीं बल्कि ड्राइवर और गार्ड के लिए होता है जरूरी.

ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड के लिए होता है बेहद जरूर

वैसी तो ट्रेन का जो पायलट होता है वो बखूबी जानता है ट्रेन कैसे चलानी है. फिर भी यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड के लिए ये सूचना लिखी जाती है. जब ट्रेन का पायलट ट्रेन चलाता है तो उसे पता चल सके कि आगे जब वे ऊंचाई की तरफ ट्रेन को ले जाए तो ट्रेन की स्पीड कितनी रखनी है.

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ट्रेन के गार्ड को ये पता रहे कि जब ट्रेन ऊंचाई कि तरफ जाएगी तो उसे कितनी पावर सप्लाई करनी है ताकि ट्रेन ऊंचाई पर चढ़ सके. वैसे ही जब ट्रेन समुंद्र तल से नीचे की तरफ जा रही है तो कितनी स्पीड रखनी है. इन्हीं सब जानकारी के लिए समुंद्र तल से ऊंचाई यानी (MSL) लिखा जाता है.

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