देश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है, यही कारण है कि सब कुछ एक बार फिर नीयो नॉर्मल की कैटेगरी में आ गया है। सड़कों पर लोगों की आवाजाही पर लगा प्रतिबंध अब पूरी तरह से हटा दिया गया है, इसके अलावा मेट्रो, बस आदि में पूरी क्षमता के साथ सफर को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, कोविड नियमों के पालन को लेकर जारी की गई गाइडलाइन्स का पालन अब भी अनिवार्य है।
कोरोना से बचाव का एकमात्र तरीका नियमित मास्क का उपयोग और सैनेटाइजेशन ही है।
इस बीच कोरोना की चौथी लहर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षणों में बदलाव दर्ज किया गया है। इसकी वजह से कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान के एक लैब में हुए शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि ओमिक्रॉन का बीए.2 सबवैरिएंट इसके बीए.1 सबवैरिएंट से अधिक खतरनाक है। बीए.2 लोगों में तेज़ी से फैलने की क्षमता रखता है।
हालांकि, अभी तक वैज्ञानिक यह नहीं समझ पाए हैं कि ओमिक्रॉन का यह सबवैरिएंट किस तरह से मरीजों को नुकसान पहुंचाएगा।
शोधकर्ताओं ने ओमिकॉन के बीए.2 वैरिएंट के लक्षणों के विषय में जानकारी साझा की है। बताया जा रहा है कि जिन व्यक्तियों में ये लक्षण दिखें उन्हें सावधानी बरतने की सख्त जरुरत है।
आइये जानते हैं ओमिक्रॉन के खतरनाक सबवैरिएंट के लक्षण।
थकान और चक्कर महसूस होना
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों को सिरदर्द, गले में खराश, छींकना, नाक बहना और थकान जैसी शिकायते होंगी। इसके अलावा ओमिक्रॉन के सबवैरिएंट के मरीजों में चक्कर आना और थकान महसूस होना सबसे बड़े लक्षण हैं।
प्रसार की क्षमता अधिक
वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन के सबवैरिएंट को लेकर दावा किया है कि इसकी प्रसार की क्षमता अधिक है। यह ओमिक्रॉन से आसानी से 30 प्रतिशत अधिक क्षमता के साथ फैलता है।
जीनोम की मदद से होगी पुष्टि
गौरतलब है, वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाने के लिए दावा किया है कि कोरोना के इस वैरिएंट का जीनोम ट्रेसिंग की मदद से पता लगाया जा सकता है।
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