Wednesday, October 16, 2024

“द कश्मीर फाइल्स” पर फारूक अब्दुल्लाह का बयान कहा-“ज़रूरी नहीं हर फिल्म सच्ची हो”

कश्मीरी पंडितो के पलायन पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज़ के पहले दिन से ही सुर्खियों में है. फिल्म सच्चाई सामने लाने के कारगर साबित हुयी है और साथ ही लोग फिल्म को काफी पसंद कर रहे है. फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है जो 90 के दशक में कश्मीर में पंडितों के साथ हुआ था. बेहरमी और निर्दयिता से कश्मीरी पंडितों को वह से खदेड़ कर निकला गया था लोगो को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा था.

कश्मीरी पंडितो के इस पलायन के लिए वह के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है. ऐसे में फिल्म की रेलसे के बाद आज उन्होंने चुप्पी तोड़ी है और एक आपत्तिजनक टिपण्णी दी है.

कहा “ज़रूरी नहीं हर फिल्म सच्ची हो”

फारूक अब्दुल्लाह ने फिल्म पर टिपण्णी देते हुए कहा की “हर फिल्म में अपनी-अपनी कहानी होती है और हर फिल्म सच्ची हो, यह जरूरी नहीं है. इसलिए सच सामने लाने के लिए जांच जरूरी है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, वो कैसे हुआ? क्यों हुआ ? किसने किया? इसकी जांच होनी चाहिए”.
फारूक अब्दुल्लाह ने अपनी बात में यह भी कहा की सच्चाई सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज को ज़िम्मेदारी देनी ज़रूरी है. इसी के साथ उन्होंने जम्मू कश्मीर के राजयपाल जगमोहन को भी फाइल खोलने की मांग की है.

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हिजाब मामले पर भी दी प्रतिक्रिया

फारूक अब्दुल्लाह ने न सिर्फ कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को लेकर टिपण्णी दी बल्कि हिजाब मुद्दे पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी. प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा की हिजाब पहनना या न पहनना किसी का व्यक्तिगत मामला है. जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा संसदीय बैठक के दौरान कहा था की कश्मीर के जिस सत्य को दबाने की कोशिश की गयी थी वह सत्य द कश्मीर फाइल्स में साफ तौर पर दर्शाया गया है.

पंडितों के पलायन के लिए ठहराया जाता है ज़िम्मेदार

90 के दशक में हुए कश्मीरी पंडितों के पलायन के दौरान फारूक अब्दुल्लाह वहां के मुख्यमंत्री थे. कश्मीरी पंडितों ने उनपर आरोप लगते हुए कहा था की विदेश से लौटने के बाद भी उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि आतंकवादियों को दुनिया के सामने पीड़ित दिखाया था. अब्दुल्लाह सरकार के काल में कश्मीरी पंडितो के पलायन और खून की होली कहलने वाले लोग जिनमे बिट्टा कराटे, यासीन मालिक, सईद गिलानी को कभी सज़ा नहीं मिली.

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