Thursday, October 31, 2024

संजय गांधी की मौत के बाद मेनका ने क्यों छोड़ दिया था ससुराल ?

भारतीय राजनीति में ऐसी कम महिलाएं हैं जिन्हें उनके सशक्त फैसलों के लिए जाना जाता है। 80-90 के दशक की यदि बात करें तो हर किसी के ज़हन में बस एक ही नाम उठता है और वो है देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का। आयरन लेडी के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी ने अपनी निर्भीकता और निडरता का परिचय उस वक्त दिया था जब पाकिस्तान जैसा आतंकवादी मुल्क देश की एकता और अखंडता पर चोंट करना चाहता था। उस वक्त देश की अस्मिता को कलंकित करने वालों को पीएम इंदिरा ने कठोर से कठोर सज़ा दी थी साथ ही मानवता की मिसाल पेश करते हुए बांग्लादेश को भी पाकिस्तान की कैद से मुक्त कराया था।

इंदिरा के नक्शे कदम पर चलती हैं मेनका

राजनीति के इतिहास में दर्ज इंदिरा गांधी का नाम उनके अटल फैसलों के लिए दर्ज है। उनके बाद यदि कोई नाम सामने आता है तो वो है उनकी बहू मेनका गांधी का। इंदिरा गांधी के दिवंगत बेटे संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी को भारतीय राजनीति में उनके दो टूक फैसलों के लिए जाना जाता है। आज मेनका गांधी का नाम पूरे देश में उनके बेबाक रवैये के लिए मशहूर है।

maneka gandhi , indira gandhi ,

पर्यावरण और पशु प्रेम के लिए विख्यात मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त 1956 को दिल्ली में ही हुआ था। राजधानी के ही श्रीराम कॉलेज से उच्च शिक्षा कंप्लीट करने के बाद मेनका ने महज़ 18 की उम्र में ही संजय गांधी से शादी कर ली थी।

मेनका के दीवाने हो गए थे संजय गांधी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेनका गांधी को मॉडलिंग का बड़ा शौक था। यही वजह थी कि संजय गांधी को उनसे पहली नज़र में प्यार हो गया था। दरअसल, बॉम्बे डाइंग के एक विज्ञापन के लिए मेनका ने शूट किया था। इसकी शूटिंग के दौरान ही संजय की नज़र उनपर पड़ी थी, जिसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरु हुई और देखते ही देखते कब यह रिश्ता शादी तक पहुंच गया पता ही नहीं चला।

संजय और मेनका की उम्र में था 10 साल का अंतर

कहा जाता है कि मेनका के परिवार को यह रिश्ता किसी भी सूरत में मंजूर नहीं था। इसकी वजह थी संजय गांधी की उम्र। मालूम हो, संजय गांधी का जन्म 14 दिसंबर 1946 को हुआ था। मेनका और उनकी उम्र में तकरीबन 10 साल का अंतर था। यही वजह थी कि मेनका के परिजनों ने उन्हें साल भर के लिए रिश्तेदारों के यहां भी भेज दिया था। हालांकि वे वहां से लौट आईं और ठीक एक महीने बाद संजय गांधी से सगाई कर ली। 23 सिंतबर 1974 को 18 साल की मेनका और 28 साल के संजय शादी के बंधन में बंध गए थे।

maneka gandhi , sanjay gandhi ,मेनका

विमान हादसे में हुई थी संजय गांधी की मौत

शादी के बाद संजय और मेनका दोनों को एक साथ स्पॉट किया जाता था। कांग्रेस की कैंपेनिंग के लिए नवविवाहित जोड़ा साथ ही जाता था। कांग्रेस के प्रचार प्रसार के लिए मेनका गांधी ने ‘सूर्या’ नाम की पत्रिका का प्रकाशन भी आरंभ किया था। सब ठीक ही चल रहा था कि एक दिन अचानक से हुए विमान हादसे ने दोनों की जिंदगी उजाड़ दी। 23 जून, 1980 को दिल्ली में हुए विमान हादसे में संजय गांधी की सिर पर चोंट आने से मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, मेनका को तकरीबन 6-7 घंटे बाद उनके पति की मौत के विषय में बताया गया था।

मौत से 3 माह पहले संजय बने थे पिता

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय गांधी की मौत से ठीक 3 माह पहले ही मेनका गांधी ने अपने बेटे को जन्म दिया था। संजय गांधी और मेनका गांधी के इस पुत्र का नाम वरुण गांधी है। इस वक्त वरुण पीलीभीत के बीजेपी से सांसद हैं।

बता दें, संजय गांधी की मौत के बाद इंदिरा और मेनका के बीच जमकर झगड़ा हुआ था। कहा जाता है कि इस झगड़े के बाद मेनका गांधी ने उस घर और परिवार से पूरी तरह नाता तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने साल 1982 में स्वयं राजनीति में कदम रखा।

ये भी पढ़े –

इंदिरा और मेनका के बिगड़े रिश्तों की कहानी ,कैसे छोटी सी तकरार से आज तक बनी हुई है दूरी

संजय गांधी : 1980 में विमान हादसे ने छीना था इंदिरा गांधी का दबंग बेटा, जिंदा होते तो अलग होते राजनीतिक समीकरण

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here